रतनमणी डोभाल/विकास कुमार।
हरीश रावत और उनके परिवार के करीबी कांग्रेस नेता धर्मेंद्र चौधरी उर्फ प्रधान ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। वो जल्द ही भाजपा ज्वाइन करने जा रहे हैं। हरिद्वार ग्रामीण से हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत के चुनाव में धर्मेंद्र प्रधान ने काम किया था और वो भाजपा के मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की टारगेट लिस्ट में थे। इससे पहले की उनका नंबर आता उन्होंने स्वामी यतीश्वरानंद के सामने सरेंडर कर दिया है। वहीं स्वामी यतीश्वरानंद ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए उनको गले लगाया है। वहीं धर्मेंद्र चौधरी के जाने के बाद कांग्रेस को हरिद्वार ग्रामीण में बड़ा झटका लगा है। वहीं कुछ लोगों का ये भी दावा है कि धर्मेंद्र चौधरी जनाधार वाले नेता नहीं हैं हालांकि ये बात सही है कि वो हरीश रावत और उनके परिवार के लिए अहमद पटेल वाली भूमिका में रहते थे। Harish rawat close aide leave congress joined bjp under swami yatishwaranand
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धर्मेंद्र ने हरीश रावत का साथ छोड़ने का क्या कारण बताया
धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि वो अंबूवाला से जिला पंचायत लड़ना चाहते हैं लेकिन यहां से कांग्रेस नेता मुकर्रम अंसारी ने तैयारी शुरु कर दी। चूंकि मुकर्रम जिस सीट से वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं उनको लगता है कि वो इस बार आरक्षण की जद में आ सकती है। इसलिए सुरक्षित सीट होने के डर के कारण वो अंबूवाला आना चाहते हैं। मैंने इस संबंध में अपनी चिंता अनुपमा रावत के सामने रखी लेकिन चूंकि मुकर्रम अंसारी को एक टिकट दिया जाना है तो वहां मुझे समझौता करने के लिए इशारा किया गया। मैं बीस सालों से हरीश रावत परिवार के साथ हूं। लेकिन, मेरे साथ अगर ऐसा होगा तो मुझे अपने भविष्य के बारे में सोचना होगा। इसलिए मैं स्वामी यतीश्वरानंद के पास गया और उन्होंने मुझे खुशी से स्वीकार भी किया है। ये जानते हुए कि उनको हराने के लिए मैंने बहुत मेहनत की थी। वहीं अनुपमा रावत से इस संबंध में संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।
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