विकास कुमार/अतीक साबरी।
उत्तराखण्ड बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीपी सिंह ने समर्थकों के साथ मंगलवार को देहरादून में कांग्रेस ज्वाइन कर ली। सीपी सिंह पिछले काफी समय से बसपा से नाराज चल रहे थे। हालांकि उनकी एंट्री की रुपरेखा मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन ने तय की, जिसके बाद सीपी सिंह कईदलित समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। सीपी सिंह बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और लेकिन वो पिछले कुछ सालों से हाशिये पर थे। बसपा के मुताबिक उनको पार्टी से पहले ही निकाला जा चुका था।
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बसपा प्रभारी बोले बसपा से पहले ही निकाला जा चुका है
बसपा के प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम ने बताया कि सीपी सिंह बसपा में सक्रिय नहीं थे और उनको पिछले कुछ सालों से बसपा के कार्यक्रमों में भी नहीं देखा गया। उनके जाने से बसपा को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बसपा हरिद्वार में कई सीटों पर जीतने जा रही है। वहीं लक्सर से बसपा के प्रत्याशी मौहम्मद शहजाद ने बताया कि सीपी सिंह पार्टी के लिए उपयोगी नहीं थे इसलिए बहुत पहले ही हाशिये पर जा चुके थे। उनके जाने से कोई असर नहीं पडेगा। ना ही उनके साथ कोई बसपा के लोग गए हैं।
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इस सीट से हो सकते हैं उम्मीदवार
वहीं सीपी सिंह के कांग्रेस में जाने की वजह उनके झबरेडा से दावेदारी के तौर पर भी देखा जा रहा है। ज्वाइन के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बताया कि जिन उम्मीदों के साथ सीपी सिंह कांग्रेस में आ रहे हैं उनको निराश नहीं किया जाएगा। गणेश गोदियाल के बयान से माना जा रहा है कि झबरेडा से अब राजपाल और जाती राम के बाद सीपी सिंह के नाम पर भी चर्चा होगी। वहीं दूसरी ओर मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन ने हमसे बात करते हुए बताया कि हालांकि सीपी सिंह से टिकट का कोई वायदा नहीं हुआ है। लेकिन, पार्टी उनके बारे में क्या सोचती है ये हाईकमान ही बता पाएगा। बहरहाल झबरेडा या किसी ओर सीट से उनकी संभावनाओं को दरकिनार नहीं किया जा सकता है।
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