हरिद्वार: तटबंध में आई दरार तो डीएम हरिद्वार ने सीधे डीएम बिजनौर को फोन लगाया, जानिये क्यों

विकास कुमार।
वहीं जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने बताया कि गंगा में पानी बढने के कारण खानपुर ब्लॉक के चंद्रपुरी तटबंध में दरार आ गई थी। जिसकी सूचना सुबह साढे छह बजे मिली और सात बजे वो मातहत अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंच गए थे। तभी उन्होंने डीएम बिजनौर को फोन लगाया और उनके क्षेत्र में पडने वाले बैराज से गेट खोलने के लिए बोला। तभी उन्होंने गेट खोले और पानी कम होना शुरु हुआ। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने तुरंत ही मरम्मत का काम भी शुरु कर दिया, जिसके चलते ग्रामीण इलाकों में पानी घुसने ने रोकने में मदद मिल पाई। उन्होंने कहा कि फिलहाल गंगा में पानी कम हुआ है और वार्निंग लेवल से नीचे आ गया है। साथ ही तटबंध को भी पूरी तरह ठीक कर लिया गया है।
विनय शंकर पाण्डेय ने बताया कि सिंचाई विभाग की पूरी टीम व अन्य तटबन्ध की मरम्मत में पूरे लगन व मेहनत से लगे हुये हैं तथा लगभग तटबन्ध की मरम्मत हो गयी है। उन्होंने बताया कि तटबन्ध की मुख्य समस्या के बारे में अधिकारियों व स्थानीय लोगों से जानकारी मिली है कि उत्तराखण्ड राज्य के बार्डर तक तो तटबन्ध बना हुआ है, इसके बाद उत्तर प्रदेश बार्डर पर तटबन्ध न होने के कारण जल स्तर बढ़ने पर पानी रिवर्स होकर खेतों में तथा सड़क पर आ गया है।

डीएम के छापे में खुलगई सरकारी अस्पताल की पोल, 33 में से 28 मुलाजिम गैरहाजिर मिले, हुई कार्रवाई
विकास कुमार।
हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय खानपुर क्षेत्र के चंद्रपुरी तटबंध में आई दरार का जायजा लेने के बाद खानपुर सीएचसी पहुंचे तो वहां तैनात 33 कर्मचारियों जिनमें डॉक्टर भी शामिल हैं में से 28 लोग अनुप​स्थित मिले। इन सभी के खिलाफ डीएम ने स्वास्थ्य सचिव और डीजी हैल्थ को कार्रवाई के लिए लिख दिया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि सुबह दस बजे वो खानपुर सीएचसी पहुंचे थे जहां तीन डॉक्टर सहित कुल मिलाकर 33 लोगों का स्टॉफ था। लेकिन मौके पर एक डाक्टर सहित पांच कर्मचारी ही मिले। 33 में से 28 मुलाजिम गैरहाजिर थे। जिनकी रिपोर्ट आला अधिकारियों को भेज दी गई है।

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