भाभी से अवैध संबंधों के चलते भाई ने की भाई की हत्या, अदालत में फेल साबित हुई पुलिस की थ्योरी, भाभी—देवर बरी

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विकास कुमार।
हत्या और आपराधिक षडयंत्र जैसे गंभीर अपराध में एक बार फिर हरिद्वार पुलिस अदालत में अपनी तफ्तीश को साबित करने में नाकाम रही है। मामला 15 अप्रैल 2011 का है जब ग्राम फतवा डेरा थाना कोतवाली लक्सर हरिद्वार में अवतार सिंह पुत्र तरसेम सिंह की सोते हुए गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अवतार उस दिन रात को अपनी पत्नी बलजीत कौर व दो बच्चों के साथ घर की छत पर सो रहे थे। रात करीब 12.30 आंगन में सो रहे उनके पिता तरसेम सिंह व छोटी बहन मंजीत कौर ने गोली चलने की आवाज सुनी और वो छत पर गए जहां अवतार सिंह के सिर में गोली लगी थी, मौके पर मृत्यु हो चुकी थी। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरु की।

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भाभी से अवैध संबंधों के चलते छोटे भाई ने की थी अवतार सिंह की हत्या
तफ्तीश चिंदन सिंह चौहान ने शुरु की 18 अप्रैल को गांव से ही अवतार सिंह के छोटे भाई कुलवंत सिंह पुत्र तरसेम सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। कुलवंत की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त 12 बोर का देशी तमंचा भी खेत से बरामद कर लिया गया। कुलवंत ने पुलिस को बताया कि ”उसके अपने भाई की पत्नी से अवैध संबंध बन गए थे, जिसकी जानकारी उसके भाई को पता लग गई थी। इसके कारण मेरा भाई मुझसे रंजिश रखने लगा था। घटना वाले दिन मेरे भाई ने मुझे और भाभी को धमकी भी दी थी, जिसके बाद मैंने भाभी के साथ मिलकर भाई की हत्या का प्लान बनाया। रात को मैं अपने गेहूं की खेत की रखवाली करने चला गया था। करीब 11 बजे मेरे भाभी का फोन आया और मैं तमंचा लेकर घर की छत पर पहुंचा और सोते हुए भाई अवतार सिंह के सिर पर गोली मार दी और भागकर तमंचा खेत में छुपा दिया। इसके बाद पुलिस ने 19 अप्रैल को अवतार सिंह की पत्नी बलजीत कौर को भी गिरफ्तार कर​ लिया।

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अदालत में आरोप साबित क्यों नहीं कर पाई पुलिस
पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की और मृतक के पिता, मां, बहन व अन्य गांव वालों को गवाह बनाया। कॉल डिटेल और अन्य सबूत भी कोर्ट में पेश किए। लेकिन सभी गवाहों ने अदालत में पुलिस की थ्योरी को गलत ठहरा दिया। मृतक के पिता तरसेम सिंह, बहन, मंजीत कौर, मां जसपाल कौर, व अमरजीत सिंह, अनिल कुमार, कुलजिंद्र सिंह के मुताबिक उन्हें नहीं पता था कि आरोपी कुलवंत और बलजीत कौर के आपस में अवैध संबंध थे और उनके बीच कभी झगडा हुआ हो। यही नहीं ये भी बताया गया कि बलजीत कौर अपने पति अवतार सिंह के साथ उत्तरकाशी में रहती थी। अब मामला फिर से परिस्थितिजनक साक्ष्यों पर आ जाता है। लेकिन कोर्ट में अभियोजन पक्ष के वकील केपी सिंह पुलिस की थ्यौरी को साबित करने में नाकाम रहे और आरोपियों की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट सुभाष त्यागी और राकेश कुमार गुप्ता कुलवंत सिंह और बलजीत कौर को बाइज्जत बरी कराने में कामयाब हो गए। फैसला तीन सितम्बर को प्रथम अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश सहदेव सिंह की अदालत ने सुनाया।