सुमेश खत्री।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने हरकी पैडी पर पूजा अर्चना के दौरान मुख्य सचिव के पूजा स्थल पर बैठने को लेकर आपत्ति जताई और कहा कि मेला अफसरों के अलावा यहां दूसरे अफसरों का बैठना कोई औचित्य नहीं है। असल में उनका ये बयान पत्रकारों के उस सवाल के बाद आया जिसमें पूछा गया कि कुंभ में भय का माहौल क्या अधिकारियों ने बनाया है। इसके जवाब में उन्होंने कुंभ मेला अफसरों पर तो सीधा निशाना नहीं साधा लेकिन उन्होंने मुख्य सचिव ओम प्रकाश की पूजा के दौरान मौजूदगी पर नाराजगी जताई।
वहीं दूसरी ओर मीडिया सेंटर में कुंभ कार्यों का लोकार्पण करने आए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने संबोधन में कुंभ की व्यवस्था के लिए अपने अफसरों की पीठ थपथपाई और कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अफसरों को कुंभ दिव्य और भव्य करने के आदेश दिए और एक ही महीने में हरिद्वार में सभी इंतजाम कर लिए गए। यही नहीं संतों को जमीनें आवंटित कर दी गई और संतों ने अपने कैंप यहां लगा लिए हैं।
इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि जो अफसर कुंभ के कार्यों में लापरवाही बरतेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी लेकिन जो अच्छा काम कर रहे हैं उनका सम्मान भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान ये ही अफसर तो जिन्होंने अपने परिवार की चिंता किए बगैर जनता की सेवा की।
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बैरागी कैंप में काम अभी भी अधूरे
वहीं बैरागी कैंप में अव्यवस्थाओं को लेकर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि बैरागी कैंप में जमीन आवंटन और टैंट लगाने का फैसला काफी देर से लिया गया था और इस कारण वहां व्यवस्था होने में देरी हुई। लेकिन अब सभी व्यवस्थाएं पूरी की जा रही है। इसके लिए अफसरों को निर्देशित भी किया जा रहा है।