चंद्रशेखर जोशी।
हरिद्वार में रूडकी आईआईटी के छात्र को कोरोना वायरस जैसे लक्षणों के बाद मेला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। छात्र तीन मार्च को जापान से लौटा है और उसे होस्टल में ही अलग रखा गया था। लेकिन दस दिन बाद भी खांसी जैसे लखण होने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने उसे आइसोलेशन वार्ड में रखने का फैसला किया है। वहीं उसके सैंपल दिल्ली भेज दिए गए हैं। उधर, संदिग्ध मरीज को हरिद्वार के मेला अस्पताल में रखने पर वहां के कर्मचारियों ने ऐतराज जताया और सीएमओ को अपना विरोध भी दर्ज कराया।
सीएमओ सरोज नैथानी ने बताया कि 26 साल का आईआईटी रूडकी का एमटेक का छात्र हाल ही में जापान से लौटा था। हमने उसे आईआईटी में ही आईसोलेट किया हुआ था, लेकिन दस दिन बाद भी उसे खांसी जैसे लक्षण होने के कारण शनिवार को उसे मेला अस्पताल में बने आईसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। मेला अस्पताल में 50 बैड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। यहां कोरोना के संदिग्ध मरीजों को रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि ये अच्छी बात है कि छात्र को अभी तक बुखार के लक्षण नहीं है। फिर भी हमने अपनी ओर से पूरी एहतियात बरती है। उधर, हरिद्वार में करीब 250 संदिग्धों को घर पर ही रहने और निगरानी करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि हम कोई भी रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है।
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कर्मचारियों ने जताया विरोध
मेला अस्पताल में संदिग्ध् मरीज को आइसोलेशन वार्ड में रखने पर मेला असपताल में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने विरोध जताया है। कर्मचारी नेता दिनेश लखेडा ने बताया कि आईसोलेशन वार्ड में सभी तरह की सावधानियां बरती जानी चाहिए। हमारे बच्चे वहां खेलते हैं और इसे उनहें भी संक्रमण होने का खतरा है। उन्होंने कहा कि हम अपनी सेफ्टी को लेकर चिंतित हैं। वहीं बताया जा रहा है कि कर्मचारियों ने सीएमओ को भी अपना विरोध जताया। हालांकि सीएमओ ने कर्मचारी नेता दिनेख लखेडा को चिंतित ना होने का आश्वासन दिया।