चंद्रशेखर जोशी।
हरिद्वार के सबसे तेज तर्रार पुलिस सब इंस्पेकटर पर चीनी मिल कारोबारी की बेटी का अपहरण और हत्या का आरोप लगा है। यही नहीं उनकी पत्नी को भी इसमें शामिल माना जा रहा है। इंस्पेक्टर का नाम है रुद्र श्रीवास्तव। यकीन नहीं हुआ ना, होगा भी नहीं क्योंकि कहानी पूरी फिल्मी है। हम बात कर हैं फिल्म अभिनेता जितेंद्र की बेटी और जानी मानी फिल्म निर्माता एकता कपूर की पहली वेब सिरीज ‘अपहरण’ की। जिसका मुख्य किरदार हरिद्वार पुलिस का सब इंस्पेक्टर है रुद्र श्रीवास्तव। हरिद्वार और ऋषिकेश में पूरी फिल्म की शूटिंग हुई है और अपहरण अल्ट बालाजी पर आॅनलाइन रिलीज हो चुकी है। अपहरण के पहले सीजन के सभी एपिसोड रिलीज हो चुके है। आइये हम बतातें है कि हरिद्वार के सब इंस्पेक्टर रुद्र श्रीवास्तव अपहरण और हत्या के केस में कैसे फंसते हैं।
कहानी पूरी फिल्मी है-असल में हरिद्वार के एक मंत्री के बेटे का अपहरण हो जाता है और मंत्री फिरौती देने के लिए तैयार हो जाते हैं। लेकिन ईमानदार सब इंस्पेक्टर रुद्र श्रीवास्तव अपहरणकर्ताओं का पीछा करते हैं और मंत्री के बेटे तक पहुंच जाते हैं, फिरौती की रकम मिलने पर अपहरणकर्ता मंत्री के बेटे को मारने का प्रयास करते हैं इतने में रुद्र श्रीवास्तव मंत्री के बेटे को बचाने का प्रयास करते हैं और क्रॉस फायर में मंत्री के बेटे की मौत हो जाती है। इससे नाराज मंत्री रुद्र श्रीवास्तव को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भिजवा देता है। तीन साल की जेल होने पर रुद्र श्रीवास्तव रिहा होता है लेकिन उसकी नौकरी चली जाती है।
पत्नी का होता है शोषण- रुद्र श्रीवास्तव की पत्नी रंजना इस दौरान एक कंपनी में काम करने लगती है और वहां उसका शारीरिक शोषण कंपनी मालिक दूबे करता है। ये बात रुद्र श्रीवास्तव को पता लगती है लेकिन नौकरी ना होने के कारण वो कुछ नहीं कर पाता है और उल्टा शराब की लत में पैसे भी अपनी पत्नी से लेने लगता है। इस बीच रुद्र श्रीवास्तव की मुलाकात मालिनी नाम की महिला से होती है जिसका किरदार पान सिंह तोमर वाली माही गिल ने निभाया है। मालिनी रुद्र को अपनी ही बेटी का अपहरण करने के लिए हायर करती है जो कि एक नामी चीनी मिल कारोबारी त्यागी के बेटी अनुषा होती है। अनुषा खुद इस अपहरण की योजना का हिस्सा होती है। रुद्र अपनी पत्नी की हालात को देखते हुए ये आॅफर कबूल कर लेता है।
अनुषा की हत्या हो जाती है-रुद्र श्रीवास्तव कडे पहरे के बीच त्यागी की बेटी अनुषा का अपहरण कर लेता है और उसे ऋषिकेश के एक आश्रम में ले जाता है। इधर, त्यागी के निजी सुरक्षाकर्मी अनुषा की तलाश करते हैं और जब फिरौती की रकम लेने रुद्र श्रीवास्वत बाहर जाता है तो अनुषा कमरे में फांसी लगाकर मर जाती है। वहीं मालिनी घटना के बाद से गायब हो जाती है। रुद्र श्रीवास्तव बॉडी को ठिकाने लगाने के लिए सूटकेश में अनुषा का शव रखकर उसे गंगा में फेंक देता है। ये सब रुद्र श्रीवास्वत की पत्नी रंजना को पता होता हैं। इस बीच अनुषा की तलाश कर रही पुलिस रुद्र श्रीवास्तव के पास पहुंचती है और उसे अनुषा की तलाश में सहयोग करने के लिए कहती है और उसकी फिर से पुलिस बहाली हो जाती है।
अपने ही जाल में फंसा रुद्र श्रीवास्तव- रुद्र श्रीवास्तव को अनुषा के अपहरण के केस को हल करने की जांच मिलती है लेकिन इस बात से सब अनजान रहते हैं कि अपहरण तो रुद्र श्रीवास्तव ने ही किया है। इस बीच अनुषा की पोस्टमार्टम से पता चलता है कि उसकी हत्या की गई है। वहीं त्यागी के निजी सुरक्षागार्ड ये पता लगा लेते हैं कि अपहरण के पीछे रुद्र श्रीवास्तव ही है। सबूत मिलने पर रुद्र को घेर लिया जाता है लेकिन रुद्र पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाता हैं। रुद्र को गोली लगती है और बाद में उसे एक व्यक्ति उठा कर ले जाता है जो मालिनी का मामा होता है।
रुद्र श्रीवास्तव निकला बेगुनाह- इस बीच रुद्र की पत्नी का अपहरण हो जाता है जो त्यागी का निजी सुरक्षाकर्मी करता है। रुद्र वहां तक पहुंचता है और पता चलता है कि पैसों की लालच में निजी सुरक्षाकर्मी ही अनुषा की हत्या कर उसे फांसी पर लटकता है और मालिनी को भी मारने का प्रयास करता है और उसे गंगा किनारे डाल देता हैं जहां वो बच जाती है। इस कबूलनामे को दूसरा पुलिसकर्मी रिकार्ड कर लेता है और रुद्र श्रीवास्तव की जान बच जाती है और वो फिर से पुलिस सब इंस्पेक्टर के पद पर बहाल हो जाता है।