Pranav Singh Champion डॉक्टर बोले चैंपियन को ले जाओ हायर सेंटर, चैंपियन बोले अभी नही, जेल में क्या हुआ था

Pranav Singh Champion को ये तीन बीमारी हुई, खूनी दस्त का क्या निकला कारण, डॉक्टरों की निगरानी में चैंपियन, क्या जेल के खाने से बढ़ गया मर्ज

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Pranav Singh Champion जेल से शनिवार देर रात खूनी दस्त के बाद प्रणव सिंह चैंपियन को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार को सुबह डॉक्टरों ने उनकी जांच की ओर अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, ईसीजी, ब्लड रिपोर्ट की जांच कराई। जिसमें कहानी जटिल रोगों का पता चला है। फिलहाल सर्जन की राय का इंतजार किया जा रहा है जिसके बाद ये तय किया जाएगा कि उन्हें हायर सेंटर भेजा जाए या नहीं।

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इन रोगों का चला जांच में पता : जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ विजयेश भारद्वाज के दिशानिर्देशन  में वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर मनीष कुमार, ईएमएस डॉक्टर स्वाति वर्मा और डॉ पंकज प्रणव सिंह चैंपियन का इलाज कर रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक प्रणव सिंह चैंपियन को खून के साथ दस्त हो रहे हैं जो चिंता की बात है। अल्ट्रासाउंड में उन्हें कोलाइटिस और गैस्ट्रोएन्टराइटिस की शिकायत की पुष्टि हुई है। गैस्ट्रोएन्टराइटिस को आमतौर पर स्टोमक फ्लू भी कहा जाता है। लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक चिंता की बात यह है की लैट्रिन में खून आ रहा है। हालांकि अभी उनकी स्थिति स्थिर बनी हुई है। 

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चैंपियन को फैटी लीवर भी : वहीं दूसरी ओर जांच में डॉक्टरों को चैंपियन के फैटी लीवर के बारे में भी पता चला है। चिकित्सकों के अनुसार उनका सेकंड ग्रेड फैटी लिवर है । फिलहाल उन्हें जिला अस्पताल के HDU वार्ड में रखा गया है। पीएमएस डॉक्टर भारद्वाज ने बताया कि डॉक्टरों का पैनल कुछ और रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। जिसके बाद यह फैसला किया जाएगा कि उन्हें हायर सेंटर भेजा जाए या नहीं।

चैंपियन क्यों हुए जेल में बीमार : प्रणव सिंह चैंपियन को जेल में स्वास्थ संबंधी शिकायत पेश आई। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर जेल में उनकी तबियत क्यों नासाज हुई। चिकित्सकों की माने तो कोलाइटिस और गैस्ट्रोएन्टराइटिस यह आम रोग है और अक्सर गंदे पानी और दूषित भोजन की वजह से होते हैं। अब सवाल यह है कि क्या जेल में प्रणव सिंह चैंपियन को साफ पानी और हाइजीनिक खाना उपलब्ध नहीं हो रहा था और क्या जेल की स्थिति सामान्य नहीं है। चैंपियन की बीमारी से जेल प्रबंधन पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि इस संबंध में जेल प्रशासन की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है। कई बार जेल अधीक्षक मनोज आर्य को कॉल किया गया लेकिन उनसे संपर्क नही हो पाया।

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