हरिद्वार के युवाओं को लगी सुसाइड की लत, रोजाना तीन लोग कर रहे सुसाइड, कैसे बचें सुसाइड से

कुणाल दरगन।
धर्मनगरी हरिद्वार के युवा भयंकर डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। आलम ये है कि आए दिन सुसाइड की खबरें सामने आ रही है। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक हरिद्वार जनपद में रोजाना तीन लोग सुसाइड कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है। वहीं आत्महत्या के प्रमुख कारणों में भविष्य को लेकर चिंता सबसे बड़ा कारण उभर कर सामने आया है। वहीं प्यार में नाकामी और जॉब ना लगने से होने वाले डिप्रेशन भी इसका मुख्य कारण है।
उधर, दिल्ली—हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों से हरिद्वार आकर सुसाइड करने वालों की संख्या भी कम नही है। नगर कोतवाली पुलिस के मुताबिक हर महीने दस से पंद्रह सुसाइड के मामले सामने आते हैं जिनमें बाहर से आकार होटल में फांसी लगाने और गंगा में छलांग लगाकर जान देने वालों की संख्या भी खासी है।

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इन इलाकों में सबसे ज्यादा सुसाइड
हरिद्वार के शहरी क्षेत्र जैसे हरिद्वार और रूडकी के सुसाइड में सबसे आगे हैं। इसके अलावा हरिद्वार का कनखल, रानीपुर, शिवालिक नगर, ज्वालापुर और सिडकुल व औद्योगिक इलाकों में भी सबसे ज्यादा सुसाइड होती हैं। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने बताया कि सुसाइड में अधिकतर युवा हैं और घर में ही फांसी लगाकर दम तोड़ रहे हैं। सबसे दिक्कत वाली बात ये है कि अधिकतर युवा बिना सुसाइड नोट छोडे ही मौत को गले लगा रहे हैं। इससे उनके मानसिक हालात के बारे में ज्यादा जानकारी लगाना भी मुश्किल हो रहा है। हालांकि अधिकतर में मानसिक तनाव और ​विभिन्न कारणों से होने वाला डिप्रेशन इसकी वजह है। वहीं गंगा में कूद जान देने और जहर खाकर जान देने वालों की संख्या भी अच्छी—खासी हैं

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कैसे बचें सुसाइड के विचारों से
हरिद्वार के जाने—माने मनोविश्लेषक सर मुकुल अग्रवाल ने बताया कि सुसाइड के अधिकतर मामले 16 साल से 30 साल के बीच के हैं। सुसाइड की कई वजह हो सकती हैं लेकिन सबसे ज्यादा मामले भविष्य और कारोबार को लेकर होने वाली निराशा के कारण बनते हैं। सुसाइड करने वाला व्यक्ति अपने जीवन से इतना निराश और हताश हो जाता है कि वो मरने को जीने से ज्यादा आसान समझने लगता है और एक पल ऐसा आता है कि वो सुसाइड कर लेता है। हां अगर ऐसे व्यक्ति से बात—चीत की जाए और उसकी निराशा के बारे में अगर पता चल जाए तो उसे बचाया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी सुसाइड के मामलों को कम करने के लिए एक अभियान चलाता है जिसका नाम है लेट्स टॉक यानी आओ बात करें। ऐसे लोगों से ज्यादा से ज्यादा बात करनी चाहिए और उनकी काउंसलिंग करानी चाहिए। लेकिन हमारे समाज में देखा गया है कि किसी की परेशानी को समझने के बजाए उसकी मजाक बनाते हैं और उसका उपहास उड़ाया जाता है। ऐसा करने से बचें और उनमें जीने की नई उमंग और उर्जा पैदा करें।

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शिवालिक नगर में युवक ने लगाई फांसी
हरिद्वार। रानीपुर थाना क्षेत्र के एस क्लस्टर शिवालिक नगर रानीपुर निवासी शुभम 27 पुत्र सुरेश सिंह ने घर में फांसी लगाकर बुधवार को आत्महत्या कर ली। रानीपुर कोतवाली प्रभारी योगेश सिंह देव अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और बंद दरवाजे को तोड़ा। देखा कि युवक फांसी के फंदे में लटका हुआ था। आनन-फानन में उसे नीचे उतारा और सिडकुल के एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि युवक डिप्रेशन में चल रहा था।

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