Baba Ramdev Corona Base hospital Patanjali Yogapeeth

सीएम आए, बाबा पहुंचे, लेकिन इलाज के अभाव में महिला की मौत, सिस्टम के दावों की खुली पोल


विकास कुमार।
हरिद्वार में जिस 150 बेड के जिस अस्पताल का उद्धाटन करने सीएम तीरथ सिंह रावत और योग गुरु बाबा रामदेव पहुंचे, उसकी अस्पताल में 66 साल की एक महिला ने इलाज के अभाव में दाम तोड दिया। महिला के बेटे के आरोप है कि उद्धाटन से पहले तक डॉक्टर वेंटिलेटर होने की बात कह रहे थे लेकिन बाद में उसे वेंटिलेटर ना होने की बात कहते हुए मां को कहीं ओर ले जाने के लिए कह दिया। यहां वहां भटकने के बाद जब बेटा बेस अस्पताल पहुंचा तो उसने किसी तरह अपनी मां का हाल जानना चाहा तो उसे पहले कुछ नहीं बताया फिर उसने एक नर्स के आगे हाथ जोडकर पूछा तो पता चला कि उसकी मां की मौत हो गई।
रोता बिलखता बेटा सिस्टम के खोखले दावों के आगे हार गया। ये कहानी है कनखल के सर्वप्रिय विहार के रहने वाले अनुज शर्मा की। अनुज शर्मा की मां रेखा शर्मा कोरोना संक्रमित थी और रेखा शर्मा का आक्सीजन लेवल गिरने के बाद उसे बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अनुज शर्मा ने रोते हुए बताया कि उनकी मां की मौत इलाज ना मिलने के कारण हुई है। सारे दावे झूठे हैं यहां मरीजों के साथ बहुत बुरा व्यवहार हो रहा है। अनुज ने कहा कि मेरी मां चली गई लेकिन आप हो सके तो लोगों को बचा लो।

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बाबा रामदेव भी नहीं कर पाए मदद
अनुज शर्मा ने बताया कि बेस अस्पताल पहुंचे बाबा रामदेव से भी उन्होंने गुहार लगाई थी। बाबा रामदेव ने उनकी मां का नाम भी पूछा और ये कहते हुए कि देखता हूं अपनी गाडी में बैठकर चल दिए।

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वेंटिलेटर चालू नहीं तो उद्धाटन कैसा
सीएम तीरथ सिंह रावत से लेकर बाबा रामदेव और जिलाधिकारी से लेकर तमाम स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने दावा किया था कि यहां वेंटिलेटर बेड भी हैं जिनकी संख्या दस है। ये मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और लोग बेड की तलाश में बेस अस्पताल की ओर भागे लेकिन यहां पहुंचकर देखा तो दावे खोखले थे। नोडल अधिकारी दयानंद सरस्वती ने बताया कि वेंटिलेटर किन्हीं कारणों से अभी शुरु नहीं हो पाए हैं, जल्द शुरु किया जाएगा। इस बाबत जब सीएमओ डा. शंभू नाथ झा से पूछा गया तो उन्होंने भी ये बताया कि वेंटिलेटर जल्द शुरु किए जाएंगे। लेकिन सवाल ये है कि आखिर जनता को गुमराह क्यों किया जा रहा है। उद्धाटन के बाद सीएम तीरथ सिंह रावत दावा करते हैं कि अस्पताल हरिद्वार ही नहीं दूसरे जनपदों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाकों के लिए भी वरदान साबित होगा। लेकिन यहां मरीज इलाज के अभाव में ही दम तोड रहे हैं।

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पत्रकार की समधन ने भी दम तोडा
वहीं वरिष्ठ पत्रकार शशि शर्मा ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए बताया कि उनकी समधन की मौत बेस अस्पताल में हो गई। यही नहीं उन्हें मौत की जानकारी भी नहीं दी गई। यही नहीं उन्हें पहले पुलिस से अनुमति लाने के लिए बोला गया , जबकि पुलिस ने ऐसा किसी अनुमति की बात से इनकार किया है।

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