विकास कुमार/ऋषभ चौहान।
उत्तराखण्ड में पूर्ण बहुमत आने के बावजूद कप्तान पुष्कर सिंह धामी की हार के बाद अब उत्तराखण्ड में सबसे बडी चर्चा ये है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। राजनीतिक हलकों में ये कयास है कि पार्टी दोबारा पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाने पर विचार कर रही है और इसके लिए दोबारा धामी को चुनाव लडवाया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर दूसरी पंक्ति के नेताओं का एक गुट नए चेहरे लाने की जोडतोड में लगा है। वरिष्ठ पत्रकारों के मुताबिक प्रदेश में धामी के अलावा कौन अगला चेहरा हो सकते हैं।
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धामी के अलावा इन नामों पर चर्चा
वरिष्ठ पत्रकार राव शफात अली बताते हैं कि पुष्कर सिंह धामी को लेकर पार्टी हाईकमान में सकारात्मकता है। धामी के युवा चेहरे पर चुनाव लडा गया और उन्होंने जिस तरीके से कम समय में अच्छा काम किया उससे उनकी काबलियत भी उभरकर सामने आई है। लिहाजा, ये प्रबल संभावना है कि धामी पर ही हाईकमान दोबारा दांव खेल दें, क्योंकि उनके लिए विधायक सीट छोडने को भी तैयार हैं। वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी बताते हैं कि फिलहाल ऐसा लग रहा है कि धामी को ही दोबारा पार्टी रिपीट करने जा रही है। इसकी बहुत प्रबल संभावना है। ऐसा नहीं होता है तो पार्टी के पास कई विकल्प है।
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अनिल बलूनी, मदन कौशिक, डा. निशंक और सतपाल महाराज पर भी चर्चा
पत्रकार राव शफात अली बताते हैं कि वहीं अगर नए चेहरे की बात की जाए तो राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी भी बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। क्योंकि वो उत्तराखण्ड में सक्रिय रहे हैं यहां के मुद्दों को हल करने का काम करते रहे हैं और गृह मंत्री अमित शाह के बेहद करीबी भी हैं। अनिल बलूनी के अलावा हरिद्वार से सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक भी एक विक्लप है। क्योंकि वो केंद्र में मंत्री और पूर्व में उत्तराखण्ड के सीएम रह चुके हैं और उनको सरकार चलाने का तर्जुबा भी है। वहीं निशंक के अलावा पहली बार उत्तराखण्ड में मैदानी क्षेत्र से प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को बनाया गया और वो सत्ता में वापसी कराने में कामयाब रहे हैं। ऐसे में एक नये प्रयोग के आधार पर उनको भी सीएम के विकल्प के तौर पर देखा जा सकता है। इसके अलावा सतपाल महाराज एक तजुर्बेकार नेता है जो सीएम के लिए विकल्प हो सकते हैं।
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