तनख्वाह सरकार की काम बदमाश का, कुख्यात प्रवीण वाल्मिकी के लिए काम करने वाले दो सिपाही गिरफ्तार, कईयों की जांच जारी

तनख्वाह सरकार की काम बदमाश का, कुख्यात प्रवीण वाल्मिकी के लिए काम करने वाले दो सिपाही गिरफ्तार, कईयों की जांच जारी
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कुख्यात प्रवीण वाल्मिकी उत्तराखण्ड एसटीएफ ने कुख्यात बदमाश प्रवीण वालिम्की के लिए काम करने वाले दो सिपाहियों को गिरफ्तार किया है। दोनों पूर्व में आईजी गढ़वाल के कार्यलय में तैनात थे जिनकी भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद उनका तबादला कुमाउं रेंज में कर दिया गया था। एसटीएफ का दावा है कि दोनों सिपाही वाल्मिकी के इशारे पर लोगों को धमकाकर जमीनें कब्जा करने में भूमिका निभा रहे थे। इससे पहले एसटीएफ ने प्रवीण वाल्मिकी के भतीजे मनीष बॉलर जो कि भाजपा से पार्षद भी है को रूडकी से गिरफ्तार किया था।

क्या है पूरा मामला
एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया गया कि रुड़की क्षेत्र के ग्राम सुनेहरा के रहने वाले श्याम बिहारी की वर्ष 2014 में मृत्यु हो गई थी जिसकी करोड़ो रुपए की बेशकीमती संपत्ति ग्राम सुनेहरा क्षेत्र में स्थित है श्याम बिहारी की मृत्यु के पश्चात इस संपत्ति की देखभाल उसका छोटा भाई कृष्ण गोपाल कर रहा था।


वर्ष 2018 में प्रवीण वाल्मीकि गैंग द्वारा इस संपत्ति को कब्जा करने की नियत से कृष्ण गोपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके पश्चात इस संपत्ति की देखभाल श्याम बिहारी की पत्नी रेखा द्वारा की जाने लगी  तो प्रवीण वाल्मीकि द्वारा रेखा को धमकाकर संपत्ति अपने नाम पर करने के लिए दबाव बनाया गया परंतु वह नहीं मानी तो उसके भाई सुभाष पर वर्ष 2019 में प्रवीण वाल्म्किी ने अपने भतीजे मनीष बॉलर व उसके साथियों के साथ गोली चलवायी गई।

तनख्वाह सरकार की काम बदमाश का, कुख्यात प्रवीण वाल्मिकी के लिए काम करने वाले दो सिपाही गिरफ्तार, कईयों की जांच जारी
तनख्वाह सरकार की काम बदमाश का, कुख्यात प्रवीण वाल्मिकी के लिए काम करने वाले दो सिपाही गिरफ्तार, कईयों की जांच जारी


 जिसमें धारा 307 भा0द0वि0 का मुकदमा थाना गंगानगर पर पंजीकृत कराया गया । इन दोनों घटनाओं से रेखा का परिवार डर गया और वह रुड़की क्षेत्र छोड़कर कहीं अज्ञात स्थान पर छिप कर रहने लगे । इसके बाद रेखा व कृष्ण गोपाल की संपत्ति को प्रवीण वाल्मिकी व उसके सदस्यों द्वारा फर्जी रेखा व कृषण गोपाल की पत्नी स्नेहलता बनाकर फर्जी पाँवर अटार्नी तैयार की गई तथा इन सम्पत्तयों को आगे बेचा गया इस काम में मनीष बाँलर का सहयोगी पंकज अष्टवाल था जिसने रेखा की फर्जी पावर अटार्नी अपने नाम करवाकर करोंड़ो मूल्य की सम्पत्ति को खुर्द बुर्द  कर आगे बेचा । प्रवीण वाल्मीकि गैंग का इतना भय था कि इस परिवार ने अपनी जान माल की रक्षा के लिए किसी से कोई भी शिकायत नहीं दर्ज कराई गई।
 
उत्तराखण्ड पुलिस के सिपाहियों की भूमिका आई सामने
अब इस प्रकरण में एसटीएफ की टीम ने अपनी विवेचना मे पाया कि कां0 शेर सिंह व कां0 हसन जैदी जो कि पुलिस विभाग में आरक्षी के पद पर जनपद पिथौरागढ़ में नियुक्त हैं, के आपसी सम्बन्ध कुख्यात अपराधी प्रवीण बाल्मीकि और मनीष बाल्मीकि उर्फ बॉलर के गिरोह के साथ हैं, इनकी प्रवीण वाल्मिकी के साथ जेल में मुलाकात करने के विवरण के साथ साथ मनीष बॉलर के साथ आपसी कॉल रिकार्ड पाये गये।

इसके अलावा इनके द्वारा पीडित पक्ष पर उनकी जमीन को कब्जाने के लिए दवाब बनाया गया। उसके लिए शेर सिंह के द्वारा दिनांक 26-04-25 को रुड़की कोर्ट परिसर मे पीडित पक्ष को बुलाकर तारीख पर आए हुये प्रवीण बाल्मीकि से मुलाकात कराकर एवं माह मार्च 2025 में हसन जैदी द्वारा मनीष बॉलर के साथ पीड़िता रेखा के पुत्र सूर्यकांत को रूड़की हॉस्पिटल में जाकर डराया धमकाया गया और अपनी सम्पत्ती को विक्रय करने के लिये दबाव बनाया गया।