विकास कुमार/अतीक साबरी।
उत्तराखण्ड की जनता को हिला कर रख देने वाले भर्ती घोटाले और विधानसभा भर्ती घांधली के मामले में हरीश रावत ने पत्रकारों से बात करते हुए मौजूदा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में एडहॉक पर हुई भर्ती में मंत्रियों व अन्य वीआईपी लोगों के रिश्तेदारों को रखने के मामले में सरकार को जांच करनी चाहिए और नियमों के खिलाफ हुई भर्तियों को तुरंत निरस्त करना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि अब ये साफ हो गया है कि भर्ती घोटाले की सीबीआई या फिर हाईकोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में जांच से ही न्याय हो सकता है। वहीं उन्होंने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल जो मौजूदा सरकार में शहरी विकास मंत्री है पर भी कटाक्ष किया और उनको पद से हटाए जाने के सवाल पर भी बहुत कुछ कहा।
गोविंद सिंह कुंजवाल के रिश्तेदारों पर क्या बोले हरीश रावत
हरीश रावत सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह कुंजवाल पर भी अपने पुत्र व अन्य रिश्तेदारों की सचिवालय में भर्ती कराने के आरोपों पर हरीश रावत ने कहा कि हमने एडहॉक पर राज्य के लोगों को रखने के लिए नियम बनाए थे और वित्तीय स्वीकृति के अलावा अन्य चार विभागों की अनुमति के आधार पर ही लोगों को रखा गया। लेकिन 2021 में सरकार ने इन नियमों में शिथिलता बरती और राज्य के बाहर के लोगों को भी एडहॉक पर भर्ती कर लिया गया। यही नहीं मंत्रियों और अन्य वीआईपी लोगों के रिश्तेदारों को भी रखा गया। फिर भी सरकार को दोनों समय में हुई भर्तियों की जांच करनी चाहिए और अगर वीआईपी लोगों के रिश्तेदारों को नियम विपरीत भर्ती दी गई तो तत्काल इनको निरस्त करना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि मैंने अपने एक भी परिचित और रिश्तेदार को भर्ती नहीं कराया अगर ऐसा पाया जाता है तो मुझे सजा दी जानी चाहिए।
प्रेम चंद्र अग्रवाल को हटाए जाने के सवाल पर क्या बोल
वहीं हरीश रावत से जब पत्रकारों ने सवाल किया क्या प्रेमचंद्र अग्रवाल को सचिवालय भर्ती घोटाले में मंत्री और अन्य वीआईपी लोगों को तरजीह देने के आरोप मंत्री पद से हटा देना चाहिए। इस सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि प्रेम चंद्र अग्रवाल का ताजा ताजा नामकरण हुआ है आप उनको हटवाना चाहते हैं। देखते जाहिए आगे आगे होता है क्या।
हाकम सिंह और इनके आकाओं की जांच हो
वहीं यूकेएसएसएससी परीक्षा में धांधली के सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि सचिवालय भर्ती घोटाले में गोविंद सिंह कुंजवाल और हरीश रावत को टारगेट पर लेकर असल भर्ती घोटाले से ध्यान खींचने का काम किया जा रहा है। ये जांच होनी चाहिए राज्य में कितने हाकम सिंह है और इनके आका कौन है। यही नहीं उनहोंने रामनगर के खनन माफिया को लेकर भी सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी भर्तियों को गलत बताने का प्रयास किया जा रहा है जो गलत है और इससे राज्य में अराजकता आ जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन भर्तियों को लेकर शिकायतकर्ता शपथ पत्र के साथ शिकायत करने उन भर्तियों की अलग से जांच की जानी चाहिए।
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