सडकों की जांच करने वाली कंपनी खुद जांच में फेल, दीपक रावत एक्शन में, कर डाली कार्रवाई

विकास कुमार।
गुणवत्ता की जांच के लिए हायर की गई थर्ड पार्टी खुद जांच में फेल ही फेल हो गई। असल में मेलाधिकारी दीपक रावत ने सडक जांच के लिए थर्ड पार्टी जांच कंपनी को बुलाया और सडक की जांच करने के लिए बोला, लेकिन जांच कंपनी के उपकरण इतने पुराने थे कि वो सडक की जांच करने में फेल हो गए और काफी देर बाद भी जांच नहीं हो पाई। इससे मेलाधिकारी दीपक रावत का पारा चढ गया और उन्होंने मातहत अफसरों को थर्ड पार्टी कंपनी पर दस प्रतिशत पेनल्टी लगाने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि हरिद्वार में कुंभ कार्यों से बनाई जा रही सडकों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं और शहर में लगातार लोग गुणवत्ता पर आवाज उठा रहे हैं। हालांकि मेला प्रशासन का कहना है कि गुणवत्ता अच्छी है लेकिन बनी सडकें अभी से उखडने लगी है और थर्ड पार्टी जांच कंपनी अगर खस्ताहाल उपकरणों का प्रयोग कर रही है तो फिर ऐसे में थर्ड पार्टी जांच कैसे हो रही हो होगी इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

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एक्शन मोड में दीपक रावत
वहीं पिछले ​कुछ दिनों से मेलाधिकारी दीपक रावत एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। मातहत अफसरों की लगातार क्लास ले रहे हैं, जिसके कारण अब फील्ड में काम होता नजर आ रहा है। पहले अफसर सिर्फ दफ्तरों में बैठकर प्लानिंग करते रहते थे लेकिन पिछले कुछ समय से दीपक रावत के एक्शन में आने के बाद से मातहत अफसर भी मैदान में नजर आ रहे हैं। वहीं दीपक रावत ने शनिवार को ललतारौ पुल, खड्डा पार्किंग, शंकराचार्य चैक से लेकर कनखल मार्ग, दादू चैक, दिव्य योग मंदिर, कृृष्णानगर, देवपुरा, भल्ला कालेज ग्राउंड, गौरी शंकर द्वीप आदि स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने सर्वप्रथम ललतारौ पुल का निरीक्षण किया तथा उसकी मजबूती की जांच की एवं पुल के बारे मे अधिकारियों से जानकारी ली। साथ ही ललतारौ पुल से होकर सीसीआर की ओर जाने वाली सड़क के बारे में पूछताछ की। उन्होंने यूपीडीसीसी के अधिकारियों से रोड़ी बेलवाला क्षेत्र में पड़े मलबे को 24 घंटे में हटवाने का निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने रामायण पथ का भी निरीक्षण किया तथा सड़क असमतल होने और आधे हिस्से के सड़क की खराब स्थिति पर नाराजगी जताई और संबंधित अधिकारियों से इसे दो दिन में ठीक कराने का निर्देश दिये।

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