चंद्रशेखर जोशी। Tanuj Walia
सिस्टम की आंख में आंख डालकर पत्रकारिता करने वाले दबंग पत्रकार तनुज वालिया के निधन से सभी सदमे में हैं। लेकिन तनुज वालिया के पत्रकारिता करने के अंदाज और उनकी बेबाकी को हमेशा याद किया जाएगा। गुरुकुल कांगडी से पत्रकारिता में गोल्ड मैडल हासिल करने वाले तनुज वालिया ने अमर उजाला, दैनिक जागरण में कई ऐसी खबरें की जिन्होंने पूरे सिस्टम को हिला कर रख दिया। Tanuj Walia
यही नहीं प्रिंट से एलेक्ट्रानिक मीडिया में आए तो तनुज ने वहां भी अपने जलवे बिखेरे। और हरिद्वार के टीवी पत्रकारों को बताया कि कैसे पत्रकारिता की जाती है। क्राइम रिपोर्टिंग और खोजी पत्रकारिता को उन्होंने नए मुकाम पर पहुंचाया। उनकी कौन सी खबरें थी जो चर्चा में रही और हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार उनकी पत्रकारिता को कैसे देखते हैं। इस बारे में हमने वरिष्ठ पत्रकारों से बात की, पूरी खबर पढें। Tanuj Walia
Tanuj Walia की इन खबरों ने बनाए कीर्तिमान
वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि तनुज ने बाबा रामदेव के करीबी आचार्य बालकृष्ण के पीए गगन को लेकर खबर की थी, जिनके नाम करोडो रुपए की जमीन थी जबकि गगन के माता-पिता कुर्सी बुनकर काम चला रहे थे। ये खबर अमर उजाला में प्रकाशित हुई थी। ये खबर काफी चर्चा में रही।
इसके अलावा पुलिस मार्डन स्कूल में टीचर द्वारा बच्चों को घायल करने की खबर भी तनुज वालिया ने की, जिसे रुकवाने के लिए बडे अफसरों ने दबाव डाला, लेकिन खबर छपी और वो खबर देहरादून कार्यालय में एक नजीर के तौर पर प्रदर्शित की गई। भभूता बाग में अतिक्रमण को लेकर उन्होंने बहुत खबरें की, जो काफी चर्चा में रही। Tanuj Walia
वरिष्ठ अपराध संवाददाता कुणाल दरगन ने बताया कि तनुज ने गंगा में अधजले मांस निकालकर खाने वाली खबर तनुज ने की थी जिसके बाद बडा एक्शन हुआ। तनुज वालिया का सीधा सिस्टम से टकराव रहता था। तनुज को कोई परवाह नहीं थी कि सामने कौन है, अगर खबर है तो वो सिस्टम से उलझ जाता था, बिना उसके अंजाम की परवाह किए। क्राइम रिपोर्टिंग में उन्होंने बहुत अच्छा काम किया।
एक अच्छे पत्रकार ही नहीं बल्कि नेकदिल इंसान थे Tanuj Walia
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल बताते हैं कि तनुज ने हमारे साथ काफी काम किया वो एक अच्छा पत्रकार ही नहीं बल्कि एक अच्छा इंसान भी था। लोगों की मदद करना, उनके लिए खडा रहना और किसी के साथ अन्याय होता नहीं देख पाता था। वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा बताते हैं कि तनुज को रात का रिपोर्टर भी कहा जाता था।
क्योंकि पूरी रात वो खबरों पर रहते थे। घटना की सबसे पहले जानकारी तनुज वालिया को होती थी। वरिष्ठ पत्रकार कुणाल दरगन बताते हैं कि तनुज यारों का यार था। हालांकि पत्रकारिता के जुनून के कारण उन्होंने अपनी सेहत पर भी ध्यान नहीं दिया। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है कि वो अब हमारे बीच में नहीं है।
रिपोर्टिंग के दौरान बिगडी थी तबीयत
तनुज वालिया शूगर की बिमारी से पीडित थे। बावजूद इसके वो पत्रकारिता के लिए पूरी तरह समर्पित थे। वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा बताते हैं कि पूर्व पीएम अटल बिमारी वाजपेयी की अस्थियां लेकर गृह मंत्री अमित शाह आए थे। तनुज तपती गर्मी में चैनल से रिपोर्टिंग कर रहे थे, तभी वो बेहोश हो गए और उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। टीवी पत्रकार सचिन सैनी ने बताया कि मैं और राहुल वर्मा सर तब उसी वाहन में मौजूद थे। वो रिपोर्टिंग के दौरान पीछे बेहोश होकर गिर गए। मैंने और राहुल सर ने उठाया, तब उन्हें होश नही था। बाद में उन्हें पत्रकार रिज़वान की मदद से नजदीकी अस्पताल भिजवाया गया जहां से उन्हें हायर सेंटर रैफर कर दिया गया जहां वो कई महीने रहे। हालांकि ठीक होने के बाद उनका जुनून कम नहीं हुआ अभी भी वो खबरों में सबसे आगे थे और सबसे बेहतरीन नेटवर्क तनुज ने बनाया हुआ था।
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