हल्ला बोल: बीएचईएल, सिडकुल, बैंक, बीमा में 26 को हड़ताल का ऐलान

रतनमणी डोभाल।
मोदी सरकार की आर्थिक तथा निजीकरण की नीतियों के खिलाफ 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं स्वतंत्र अधिेकारी कर्मचारी फेडरेशनों के संयुक्त आह्वान पर 26 नवंबर को अखिल भारतीय आम हड़ताल होगी। उत्तराखंड राज्य में भी हड़ताल को सफल बनाने के लिए श्रमिक नेता काम कर रहे हैं।
केंद्रीय ट्रेड यूनियन सीटू के उत्तराखंड राज्य कमेटी के सचिव एमपी जखमोला ने बताया कि इंटक, एटक, एचएमएच व एक्टू तथा बैंक, बीमा सहित केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारी फेडरेशनों के पदाधिकारी हड़ताल की तैयारी में जुटे हैं। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार के खिलाफ अखिल भारतीय आम हड़ताल में करोड़ों को लोग शामिल होंगे। किसान, खेत मजदूर, महिला, आंगनबाडी, आशा कार्यकत्रियों व छात्र, युवा संगठन भी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बताया कि मोदी सरकार की रेल सहित राष्ट्रीकृत क्षेत्र के निजीकरण, मजदूर विरोधी लेबर कोर्डो, किसान विरोधी कृषि कानूनों, शिक्षा विरोधी एनईपी—20 आदि की नीतियों के खिलाफ आम हड़ताल होगी। उत्तराखंड में भी इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। भेल हरिद्वार में भी एचएमएस, इंटक, एटक, सीटू सहित कई यूनियनों ने हड़ताल को नोटिस दिया है।
आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने भी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों की आलोचना की है कि लेकिन वह हड़ताल में शामिल नहीं है और हड़ताल को राजनीति से प्रेरित बता रही हैं। इसके विपरीत सीटू नेता ने कहा कि सरकार मजदूर व किसान विरोधी निर्णय कर रही है वह राजनीति संघ—भाजपा की राजनीति है और हड़ताल उसके राजनीतिक निर्णयों के खिलाफ ही है। उन्होंने कहा कि बीएमएस की स्थिति ऐसी है कि साथ भी सोना है और मुहं भी लुकोना है।

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