रतनमणी डोभाल।
हरिद्वार आने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों पर हरिद्वार जिला प्रशासन कचरा प्रबंधन टैक्स लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत होटल और होटल जैसी व्यवस्थाओं वाली धर्मशलाओं में रूकने वाले यात्रियों पर पांच प्रतिशत कचरा प्रबंधन टैक्स लगाया जाएगा, जो होटल व धर्मशाला मैनेजर यात्री व पर्यटक से लेंगे और जिसे बाद में नगर निगम वसूल करेगा। हालांकि, इसके लिए अभी होटल व्यवसासियों और संबंधित दूसरे लोगों से चर्चा की जाएगी और जल्द ही इस प्लान को अमल में लाया जाएगा।
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क्यों जरूरत पड़ी कचरा प्रबंधन टैक्स लगाने की
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि हरिद्वार नगर निगम अभी कचरा उठाने के लिए यूजर चार्जेज लेता है लेकिन कचरे की बड़ी मात्रा फ्लोटिंग जनसंख्या के कारण जमा होती है। ये कचरा यात्रियों और पर्यटकों के कारण होता है। कचरा ज्यादा होने के कारण नगर निगम कचरे का सही से प्रबंधन नहीं कर पाता है और निगम के पास संसाधनों की कमी के कारण भी दिक्कतें आती है। लिहाजा, यात्रियों से कचरा प्रबंधन के लिए पांच प्रतिशत चार्जेज लेने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इसे होटल आदि में रूकने वाले यात्रियों से लिया जाएगा। इसके जरिए निगम के पास संसाधन भी बढेंगे और कचरे का निस्तारण भी सही से हो पाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि इसके लिए होटल व्यवसायियों से जल्द ही बात कर इसके अमल में लाया जाएगा।
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कितना कचरा निकलता है
हरिद्वार से रोजाना 150 मिट्रिक टन कचरा निकलता है जो स्नान पर्वों पर बहुत ज्यादा हो जाता है। कचरा प्रबंधन के लिए नगर निगम ने केआरएल संस्था केा हायर किया है। लेकिन केआरएल ने आज तक सही से कचरा प्रबंधन की ओर कमद नहीं उठाए और निगम की लापरवाही के चलते सिर्फ कचरा उठाकर सराय के डंपिंग जोन में डालने के लाखों रूपए महीने लेता है। यही नहीं यूजर चार्जेज के नाम भी प्रत्येक घर और दुकान से पैसा लिया जाता है। इसके बावजूद भी आज तक कचरे की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।