चंद्रशेखर जोशी।
हरिद्वार पुलिस ने मंसा देवी मंदिर ट्रस्ट के दो प्रमुख संतों सहित तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। तीनों पर आरोप है कि राजाली टाइगर रिजर्व की जमीन पर दुकानें बनाकर किराए पर दी थी। बाद में एक किराएदार को वन विभाग ने गिरफ्तार किया था। अब उसकी दुकानदार ने जमीन कब्जाकर दुकान बनाने और फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखा देने की बात कहते हुए महंत रामानंद पुरी, महंत रविंद्र पुरी और तरुण गांगुली सभी ट्रस्टी मंसा देवी मंदिर हरिद्वार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि ये मुकदमा कोर्ट के आदेश पर सीआरपीसी की धारा 156,3 के तहत हुआ है।
महंत रविंद्र पुरी बडे संत हैं और महंत रामानंद पुरी के बाद मंसा देवी मंदिर ट्रस्ट और इसके अधीन आने वाले स्कूल कॉलेजों की जिम्मेदारी महंत रविंद्र पुरी के जिम्मे ही आई है। हाल ही में महंत रविंद्र पुरी को ब्लैकमेल करने की योजना बनाने के आरोप में कनखल निवासी महिला काजल को गिरफ्तार किया गया था।
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क्या है पूरा मामला
नगर कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि वादी ठाकुर सिंह पुत्र स्वर्गीय मेवालाल निवासी 171 शिवलोक कॉलोनी रानीपुर हरिद्वार ने आरोप लगाया कि महंत रामानंद पुरी शिष्य निरंजन देव, महंत रविंद्र पुरी शिष्य निरंजन देव प्रधान ट्रस्टी और तरुण गांगुली पुत्र नामालूम निवासी ट्रस्टी मनसादेवी ने वर्ष 2001 में मनसा देवी ट्रस्ट के द्वारा अपने मंदिर परिसर में कुल 10 दुकानों का निर्माण किया था उन दुकानों में से एक दुकान उसके द्वारा भी मनसा देवी ट्रस्ट से एग्रीमेंट कर 500 रुपए प्रति माह किराए के घर पर ली थी।
आवेदक दुकान में कई सालों तक फूल प्रसाद आदि बेचने का व्यापार कर रहा था वर्ष 2010 में वन विभाग राजाजी नेशनल पार्क के कुछ अधिकारियों के द्वारा उसके विरुद्ध फॉरेस्ट एक्ट में एक वाद दायर किया कि मेरे द्वारा राजाजी नेशनल पार्क की जमीन पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण कर रखा है और इस आधार पर मैं कुछ समय जेल में भी रहा वन विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा मनसा देवी ट्रस्ट जिसके के द्वारा उन दुकानों का निर्माण किया गया था और मुझ से किराया प्राप्त किया जा रहा था के विरुद्ध अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
राजाजी नेशनल पार्क ,वन विभाग के जांच के अनुसार जिस भूमि पर दुकान बनी हुई थी वह सरकारी संपत्ति थी इस प्रकार आवेदक का यह आरोप है कि मनसा देवी ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर मेरे को कूट रचित दस्तावेज बनाकर स्वयं का मालिक खाते हुए किराए पर देकर अवैध रूप से धन की प्राप्ति की गई। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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क्या कहते हैं महंत
महंत रविंद्र पुरी ने बताया कि ये पुराना मामला है। उस समय मैं ट्रस्ट का अध्यक्ष नहीं था। फिर भी हम जांच के लिए पूरी तरह तैयार है। इस मामले में हमारा कोई लेना—देना नहीं है।