नगर निगम हरिद्वार शहर क्षेत्र में इस बार डेंगू को काबू करने में नगर निगम हरिद्वार सफल रहा है। इसके पीछे नगर आयुक्त वरुण चौधरी (IAS Varun Chaudhary) और नगर निगम सेनीटेशन टीम की रणनीति रही। जिसमें डेंगू का सोर्स डिटेक्शन कर डेंगू लारवा को मच्छर बनने से पहले ही नष्ट करना रहा। साथ ही लोगों को बड़े स्तर पर जागरुक किया गया। सीएमओ आफिस के अनुसार पहली बार हरिद्वार में डेंगू को काबू करने में कामयाबी हासिल हो सकी है। पूरे सीजन में डेंगू के चार केस ही मिले हैं। जबकि पिछले सालों में ये आंकड़ा काफी ज्यादा रहता था।
सोर्स डिटेक्शन के लिए लगाई कई टीमें
नगर निगम हरिद्वार ने सोर्स डिटेक्शन के लिए नगर क्षेत्र में कई कर्मचारियों को टीमें बनाकर तैनात किया। इन टीमों की घर—घर जाकर डेंगू के लार्वा का पता लगाने और उसे नष्ट करने की जिम्मेदारी दी गई थी। ये टीमें घरों के फ्रीज, कूलर, छतों पर रखे गमले खाली बर्तन आदि को चैक करती और लारवा होने पर तुरंत नष्ट भी करती थी। यही नहीं लोगों को डेंगू के प्रति जागरुक भी किया जाता रहा। इसका परिणाम ये हुआ कि डेंगू मच्छर को पनपने का मौका नहीं मिल पाया और शहर क्षेत्र में महज चार केस ही डेंगू के मिले। अभी भी शहर क्षेत्र में डेंगू के सोर्स डिटेक्शन के लिए टीमें लगी हुई है।
नगर निगम हरिद्वार
स्वच्छता का रखा गया खास ख्याल
वहीं नगर निगम के सेनीटेशन सेल ने इस बार स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा। स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरुक किया गया और लोगों को डस्टबिन का प्रयोग करने कचरा यहां वहां ना डालने के लिए प्रेरित किया गया। काफी लोगों ने अपनी ये आदत भी बदली है। जबकि लगातार लोगों से साफ सफाई के लिए अपील भी की जा रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर आयुक्त आईएएस वरूण चौधरी ने बताया कि डेंगू को कंट्रोल करने के लिए इस बार विशेष प्रयास किए गए। सोर्स डिटेक्शन के लिए टीमें लगाई गई। साथ ही टीमों का सुपरविजन अच्छी तरह से किया गया। नगर निगम क्षेत्र के एक—एक घर जाकर डेंगू का सोर्स डिटेक्शन करने के टारगेट को लगभग पूरा किया गया। अभी भी हमारी टीमें काम कर रही हैं।