रतनमणी डोभाल।
विकास पुरुष शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की घोषणाएं यदि अमल में आ जाएं तो हरिद्वार लंदन जैसा बन जाएगा। लेकिन अफसोस मंत्री जी की घोषणाएं जमीन पर कम ही उतरती हैं और जो उतरती हैं वो कभी प्लानिंग के अभाव में तो कभी बजट के अभाव होले—होले हांफती हुई आगे बढ़ती हैं। ताजा घोषणा की बात करें तो मंत्री मदन कौशिक ने हरकी पैडी से सीधे मां चंडी देवी मंदिर तक रोपवे परियोजना का ऐलान कर दिया। मंत्री जी की इस घोषणा को हरिद्वार की देवतुल्य जनता ने हाथों हाथ लिया, कईयों ने कहा कि पहले हाई—वे तो पूरा करा दो, तो बहुतों ने मेट्रो, रिंग रोड, मेडिकल कॉलेज, उत्तरी हरिद्वार में सीएचसी, विदेशों की तर्ज पर पॉड कार, नगर निगम का बहुउद्देशीय आलीशान भवन, शहर में मल्टीलेवल आधुनिक पार्किंग, आईएसबीटी—ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना, पांच सौ बैड का कोविड—19 अस्पताल, कोविड—19 टेस्टिंग लैब, सिडकुल से हरिद्वार रेलवे स्टेशन तक माल लाने—ले जाने के लिए शिपयार्ड, बेघरों के लिए पांच सौ आवास, चौड़ी अतिक्रमण मुक्त सड़कों के साथ—साथ नशा मुक्त हरिद्वार के बारे में पूछ डाला, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि उनके समर्थकों ने मंत्री मदन कौशिक का इकबाल भी बुलंद किया और सबसे तेज आगे बढ़कर 20 साल हरिद्वार बेमिसाल धुन पर ता—ता—थैया भी कर डाला।
ऐसा नहीं है कि मंत्रीजी ने हरिद्वार के लिए कुछ किया ही नहीं है। 310 करोड़ रुपए भूमिगत विद्युत लाइन परियोजना पर खर्च हो चुके हैं, हरिद्वार नेचुरल गैस आपकी रसोई तक पहुंच गई है। मध्य हरिद्वार में जलभराव की निकासी के लिए नाले बनाए ही जा रहे हैं। पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी बनाई, सड़कों का जाल बिछाया, वो अलग बात है कि ठेकेदार गुणवत्ता का ख्याल नहीं रख पाए, लेकिन इसमें मंत्रीजी को दोष तो नहीं दे सकते हैं। इसके अलावा 16 करोड़ से सुबह शाम घाटों की सफाई, अनगिनत घाटों का निर्माण आदि—आदि भी शामिल हैं। शहरी विकास मंत्रालय पास है और केआरएल जैसी होनहार कंपनी ने शहर की सूरत ही बदल दी है, मजाल है कचरा शहर में कहीं दिख जाए और जब दिखता है तो मंत्रीजी डामकोठी में ऐसे बरसते हैं कि अधिकारी पसीना—पसीना हो जाते हैं। वैसे अफसरों को बुरा नहीं लगता क्योंकि अब तो आदत सी हो गई है ऐसे जीने की…क्योंकि ”मंत्रीजी ने लगाई फटकार” वाली खबर छपते ही अगले दिन सब सामान्य हो जाता है और अगर इस तरह एक आध महीने में पसीना नहीं निकलेगा तो कुर्सियों पर बैठे—बैठे अफसरों की सेहत नासाज नहीं हो जाएगी। बहरहाल, सीवर और पानी की इतनी लाइनें जमीन के अंदर डाली जा चुकी हैं कि विभागीय अधिकारी किसी अलादीन के चिराग की तलाश में है ताकि ये पता लगाया जा सके कि जिस विकास को उन्होंने डाला है वो कहां से घुसा है और किधर जाकर निकलेगा। बहरहाल जमीन के अंदर इतना विकास डाला जा चुका है कि विकास की लाइनें एक के उपर अठखेलियां कर कुलांचे भर रही हैं और जनता इन कुलांचों को देखकर मंत्रमुग्ध हुई जा रही है। खैर मंत्री जी के कार्यो को एकतरफ रख दिया जाए तो उनके चुनाव प्रबंधन में सब एडजस्ट हैं, बल्कि जनता में आमधारणा है कि हरिद्वार के अधिकतर कांग्रेसी नेता भी मंत्रीजी के ही आदमी हैं। अब इससे बड़ी कोई उपलब्धि हो सकती है क्या. इसी के साथ आप सभी को हरकी पैडी—चंडी देवी मंदिर रोपवे की सौगात मिलने पर हार्दिक शुभकामनाएं।
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इन्हें भी सुनिए…
मंत्री मदन कौशिक विकास पुरुष हैं
भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष कन्हैया खेवड़िया ने बताया कि हरिद्वार में विकास की गंगा बह रही है। पिछले बीस सालों में हरिद्वार की मूलभूत सुविधाएं मजबूत हुई है। अत्याधुनिक सुविधाएं हरिद्वार में आ रही है। इनमें गैस और विद्युत भूमिगत योजना शमिल हैं। हरिद्वार विश्वपटल पर अपनी पहचान बना रहा है।
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जुमलेबाजी करते हैं मंत्री मदन कौशिक
हरिद्वार के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने बताया कि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक सिर्फ घोषणाएं करते हैं और उनकी घोषणाएं महज जुमलेबाजी होती है। मेट्रो परियोजना हो या फिर रिंग रोड सब अभी घोषणाओं में हैं। पॉड कार के लिए तो विदेश तक के भ्रमण हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेज के लिए बजट नहीं है और उत्तरी हरिद्वार के सीएचसी का भी पता नहीं है। उन्होंने कहा कि शहर की सडकों का हाल किसी से छिपा नही है। प्लानिंग के अभाव में भूमिगत योजनाएं भी सुविधा के बजाए समस्या बन गई है। मंत्री मदन कौशिक को इन सब बातों का हिसाब देना होगा।