
विकास कुमार।
एक दूसरे के पुराने विरोधी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और तीरथ सरकार में मंत्री बने हरिद्वार ग्रामीण से विधायक स्वामी यतीश्वरानंद मंगलवार को एक साथ बैठे दिखाई दिए। यही नहीं दोनों ने काफी देर बात भी की और इस दौरान दोनों का मिजाज खुशनुमा था। खुशनुमा माहौल में दोनों के बीच की ये जुगलबंदी हर किसी को चकित करने वाली थी। लेकिन, बडा सवाल ये है कि आखिर दोनों के बीच सालों से जहां बात तक बंद थी अब अचानक माहौल कैसे बदल गया। जबकि, स्वामी यतीश्वरानंद के मंत्री बनने के बाद उनके आश्रम पर लगे बैनर में प्रदेश अध्यक्ष भाजपा मदन कौशिक की तस्वीर तक नहीं है।
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किसने कराई सुलह या वार्ता एक प्रोटोकॉल का हिस्सा थी
असल में प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मदन कौशिक हरिद्वार पहुंचे और हरकी पैडी पर पूजा अर्चना की। इस दौरान जनपद के सभी विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि व संगठन के पदाधिकारी वहां मौजूद थे। मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद भी पूजा अर्चना के दौरान पहुंचे और मंत्री मदन कौशिक के साथ बैठकर पूजा की। भाजपा के जिला महामंत्री विकास तिवारी ने बताया कि मदन कौशिक भले ही अब मंत्री ना हो लेकिन संगठन के लिहाजा से वो हम सभी के मुखिया है। चाहे मंत्री हो या फिर विधायक सभी को एक प्रोटोकाल के तहत आना होगा। चूंकि भाजपा में संगठन को बहुत ज्यादा तरजीह दी जाती है। ऐसे में हमारे मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के साथ—साथ अन्य भाजपा के विधायक भी वहां पहुंचे थे। हम सभी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और यहां निजी हित बहुत पीछे हो जाते हैं। जहां तक बात है पोस्टर में मदन कौशिक का फोटो ना होने का तो इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता हूं। लेकिन हम सभी को प्रोटोकाल को तो फॉलो करना ही होगा। वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी ने बताया कि भले ही मदन कौशिक और स्वामी यतीश्वरानंद एक दूसरे से मिले हों लेकिन दोनों खेमों में विवाद बहुत पुराना है और ये विवाद इतने आसानी से खत्म हो जाए, लगत नहीं है। उन्होंने बताया कि स्वामी यतीश्वरानंद शुरु से मदन कौशिक के खिलाफ लामबंदी करते आए हैं और मदन कौशिक ने भी जहां मौका मिला स्वामी यतीश्वरानंद को साइडलाइन करने की भरपूर कोशिश की। लेकिन अब स्थिति जुदा है और दोनों ही नेता अब नई भूमिका मे हैं।

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मदन कौशिक को मंत्री पद से हटाकर संपत्ति की जांच की मांग की थी
वहीं प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और मंत्री बने स्वामी यतीश्वरानंद के बीच अदावत बहुत पुरानी है और दोनों एक दूसरे के खिलाफ लामबंदी करते रहे हैं। हालांकि मदन कौशिक ने कभी खुलकर हमला नहीं किया लेकिन स्वामी यतीश्वरानंद अक्सर मदन कौशिक पर हल्ला बोलते थे। स्वामी यतीश्वरानंद ने मदन कौशिक को मंत्री पद से हटाने की भी कई बार मांग की थी। यही नहीं गुरुकुल महाविद्यालय का विवाद होने पर बडी रैली मदन कौशिक के खिलाफ निकाली थी और मदन कौशिक की संपत्ति की जांच की मांग भी की गई थी। मंत्री यतीश्वरांनद खेमा इस बात से भी नाराज है कि मदन कौशिक के करीबी भाजपा नेता नरेश शर्मा हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा में काफी सक्रिय हैं और वहां से चुनाव लडना चाहते हैं। जबकि स्थानीय विधायक और मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद से कभी उन्होंने हाय हैल्लो करने की जरुरत नहीं समझी।
