लक्सर आपदा: कहां थे कांग्रेस विधायक, क्या बोल गए कांग्रेस नेता, स्वामी-कल्पना सैनी पर भी बोला हल्ला

लक्सर आपदा laksar haridwar aapda congress mla in haridwar

लक्सर आपदा

रतनमणी डोभाल। लक्सर आपदा
जिला कांग्रेस कमेटी ने राज्य सभा सांसद कल्पना सैनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पर भी सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। यही नहीं जब कांग्रेस नेताओं से कांग्रेस के पांच विधायकों की कार्यशैली के बारे में पूछा तो उन्होंने बडी बात कह दी। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने लक्सर में किसानों को पंद्रह हजार रुपए प्रति बीघा और मजदूरों को दस हजार रुपए मजदूरी व पशुपालकों को दो महीने का पशु चारा निशुल्क उपलब्ध कराने की मांग भी की। क्या आरोप लगाए और कांग्रेस विधायकों पर क्या कहा नीचे तक पढें। लक्सर आपदा

राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी पर लगाए गंभीर आरोप
प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता करते हुए जिलाअध्यक्ष राजीव चौधरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जहां लक्सर आपदा के दौरान लक्सर में पहले दिन से जमीन पर थी। वहीं भाजपा के नेताओं को काफी देर से सुध लेना याद आया। यही नहीं हरिद्वार की राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी नदारद रही। उन्होंने कहीं भी बाढ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं किया।

उन्होंने कहा कि कल्पना सैनी के खिलाफ जल्द ही सांसद तलाशो अभियान चलाया जाएगा। वहीं स्वामी यतीश्वरानंद पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। सरकारी सहायता के चैक आश्रम में बुलाकर अपने अपने लोगों को दिए जा रहे हैं।

कांग्रेस के पांच विधायक कहां थे
प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेता राजबीर सिंह और अमन गर्ग ने भी भाजपा पर आरोप लगाए। वहीं दूसरी ओर जब कांग्रेस नेताओं से ये पूछा गया कि कांग्रेस के पांच विधायक आपदा के समय कहां थे और उन्होंने लक्सर का दौरा क्यों नहीं किया तो कांग्रेस नेता सकपका गए और जवाब में इतना ही कह पाए कि सभी विधायक अपनी अपनी विधानसभा में काम कर रहे थे।

राजीव चौधरी ने कहा कि अनुपमा रावत अपनी विधानसभा में प्रयासरत थी। जहां तक दूसरे विधायकों का सवाल है वो भी काम कर रहे थे। लेकिन हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के साथ मैं और दूसरे सीनियर कांग्रेस नेता लक्सर और खानपुर में लगातार बने हुए थे।


उन्होंने कहा कि बाढ से लक्सर और खानपुर में काफी नुकसान हुआ है। लोगों का सबकुछ बरबाद हो गया है। ऐसे में सरकार को किसानों को 15 हजार रुपए प्रति बीघा और दस हजार रुपए मजदूरों को देना चाहिए। साथ ही नदी का समतल करने के लिए खनन खोला जाना चाहिए।