हरिद्वार: कहीं स्टाफ का टोटा, कहीं व्यवस्था चौपट, कहीं बेड खाली नहीं, अभी नहीं संभले तो देर हो जाएगी


विकास कुमार।
हरिद्वार में कोरोना ने पूरे सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है। आलम ये है कि सरकारी अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं तो 500 बैड के बरफानी बाबा कोविड केयर सेंटर में अव्यवस्थाओं का बोल बाला है। वहीं निजी अस्पतालों में भी मारामारी मची है। देहरादून में पहले से ही हाल खराब होने के कारण वहां मरीजों को भर्ती करने के लिए नंबर नहीं आ रहे हैं।  मौत का आंकडा लगातार बढ रहा है। रविवार को भी हरिद्वार में 12 मौतें दर्ज की गई।

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गंभीर मरीजों के सामने सबसे बडी परेशानी

सबसे बडी चुनौती कोरोना संक्रमित उन मरीजों के लिए है जिनकी हालात गंभीर है। अस्पतालों में क्रिटिकल केयर के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर की सीमित संख्या है और मरीजों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में मरीजों को एक आईसीयू बैड तलाशने में भी यहां वहां भटकना पड रहा है। जबकि दूसरी लहर में गंभीर मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

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मेला अस्पताल भी फुल
मेला अस्पताल के पीएमएस डा. राजेश गुप्ता ने बताया कि हमारे पास 60 बैड ऑक्सीजन के हैं जो फुल है जबकि 10 आईसीयू हैं जो खाली नहीं है। वहीं स्टाफ लगातार पॉजिटिव आ रहा है और बावजूद इसके हमारे डॉक्टर लगातार डयूटी कर रहे हैं।

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बाबा बरफानी में अव्यवस्थाओं का बोल बाला

वहीं 500 बैड के बाबा बरफानी कोविड सेंटर में चालीस डॉक्टर है लेकिन यहां अव्यवस्था इतनी है कि मरीजों को खासी दिक्कतें आ रही है। यही नहीं यहां के चिकित्सकों का साफ कहना है कि हमारे पाास आईसीयू चलाने वालों का प्रशिक्षित स्टॉफ भी नहीं है।

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क्या बरतें सावधानी
आपको भी उन मरीजों की तरह यहां वहां बैड के भटकना ना पडे इसके लिए सावधानी बरतने की सख्त जरुरत है। एक अनुमान के मुताबिक हरिद्वार में अगर लोग इसी तरह लापरवाही बरतते रहे तो आने वाला समय बहुत खराब होगा। मेला अस्पताल के पीएमएस डा. राजेश गुप्ता ने बताया कि लॉक्डाउन के नियमों का कडाई से पालन कराना होगा। ताकि संक्रमण को बढने से रोका जा सके। हमारे पास भी सीमित संसाधन है ऐसे में मरीजों की संख्या ज्यादा होगी तो परिणाम अच्छे नहीं रहेंगे।

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ये सब जरुर करें

—मास्क का प्रयोग करें और भीड भाड वाले इलाकों में जाने से बचे
—खांसी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द आदि लक्षण आने पर टेस्ट अवश्य कराएं
—घर में आइसोलेट हो जाए और घर के दूसरे सदस्यों से बिल्कुल अलग रहें
—अपना ऑक्सीजन लेवल बनाए रखने के लिए योगा, अनुलोम विलोम करें, पीठ के बल लेटें
—अपने आस-पास के लोगों को भी सावधानी बरतने के लिए कहते रहें
—कोई नियमों का पालन नहीं कर रहा है तो सीधे पुलिस को सूचना दें 

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