रतनमणि डोभाल।
कुंभ मेला हरिद्वार में हुए कोरोना जांच घोटाले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। हालांकि, मेला प्रशासन और जिले के अधिकारियों को इस धांधली की भनक भी नहीं लग पाई या कहें की जानकारी होते हुए भी अनजान बने रहे, लेकिन पंजाब के एक जागरूक नागरिक और टेस्ट करने वाली मैक्स कोरपोरेट सोसायटी की गलती ने घोटाले की सारी पोल खोल कर रख दी है। शुरुआती जांच में महत्वपूर्ण् सबूत मिलने के बाद अब हरिद्वार प्रशासन इसकी जांच कर रहा है और जांच ईमाानदारी से हुई तो मेला और जिला प्रशासन के अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है। आइये जानते हैं कि पंजाब के एलआईसी एजेंट ने कैसे खोल दी घोटाले की पोल kumbh-mela-corona-testing-fraud-in-uttarakhand
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पंजाब के एलआईसी एजेंट ने दिखाई हिम्मत
पंजाब के फरीदकोट के एलआईसी एजेंट विपिन मित्तल के मोबाइल पर कोराना जांच निगेटिव आने की सूचना प्राप्त हुई, जबकि उन्होंने कभी कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया ही नहीं था। इसके बाद वो स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के पास गए जहां से उन्हें कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिल पाया। लेकिन वो चुप नहीं बैठे और उन्होंने आईसीएमआर दिल्ली से पत्राचार किया और इसके बाद लिखित शिकायत की। दिल्ली से शिकायत सीधे देहरादून पहुंची जहां एक सीनियर अफसर ने इसकी शुरुआती जांच की और जांच में मैक्स कोरपोरेट सोसायटी दिल्ली के द्वारा किए गए कोरोना जांच के खेल का पदार्फाश हुआ।
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क्या हो सकती है कार्रवाई
हालांकि देहरादून में जो जांच की गई उसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं, जिसमें हरिद्वार के हाउस नंबर पांच से ही 530 लोगों के एंटीजन टेस्ट लेने की बात कहीं गई और कई नंबर फर्जी भी पाए गए। इसके बाद स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी की ओर से जिला प्रशासन को इस मामले में जांच करने के आदेश दिए गए, जिलाधिकारी सी रविशंकर इसकी जांच करा रहे हैं। लेकिन अगर दूसरी जांच में भी घोटाले की पुष्टि हो जाती है तो सीधे तौर पर मेला प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है।
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