चंद्रशेखर जोशी।
हरिद्वार में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर निजी अस्पताल मरीजों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। कनखल स्थित एसआर मेडिसिटी नाम का निजी अस्पताल मल्टी स्पेशिलिटी एंड ट्रॉमा सेंटर के तौर पर प्रचार करता है। यही नहीं लेपरोस्कोपी यानी दूरबीन से आॅपरेशन और कैंसर सर्जरी सेंटर होने का दावा करता है। लेकिन, ये अस्पताल महज दो डॉक्टरों के बलबूते अभी तक चल रहा है। पहले इसको चलाने वाले डा. एसके मिश्रा जो एमबीबीएस और एमएस हैं जबकि दूसरे डा. आनंद जो कि जनरल फिजिशियन बताए जाते हैं और दावा किया जाता है कि कैंसर सर्जरी से लेकर डायलिसिस, एंडोस्कोपी, प्लास्टिक सर्जरी, आंतों का आॅपरेशन, पेशाब से जुडे रोग, महिला एवं बाल रोग व मनोरोग से जुडे रोगों का इलाज किया जाता है। अब मल्टी सेपशलिटी सेंटर जिसमें 24 घंटे इमरजेंसी सुविधा होनी चाहिए महज दो डॉक्टरों के बलबूते कैसे चल सकती है। ये सवाल स्वास्थ्य विभाग के सामने भी है, क्यों ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई नहीं हो रही है, जो मरीजों की आंखों में धूल देने का काम करते हैं।
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प्रेस वार्ता में डा. एसके मिश्रा ने खुद खोला राज
असल में डा. एसके मिश्रा एसआर मेडिसिटी की प्रेस वार्ता करने के लिए आए थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि हमारे अस्पताल में जल्द ही डा. राम जुडने जा रहे हैं जो नामी फिजिशियन हैं और इससे हरिद्वार को काफी लाभ मिलेगा। जब उनसे पूछा गया कि उनके अस्पताल में कितने डॉक्टर हैं तो उन्होंने बताया कि सात डॉक्टर है, जिनमें से चार बीएएमएस और तीन एमबीबीएस हैं। लेकिन जब उनके अस्पताल में फोन करके जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि दो डॉक्टर हैं और तीसरे डॉक्टर राम हैं जो जल्द ही सेवाएं देने वाले हैं। प्रेस वार्ता में जब उनसे पूछा गया कि आप इतने रोगों का इलाज इतने कम डॉक्टरों में कैसे कर लेते हैं तो उन्होंने बताया कि डॉक्टरों को आॅन कॉल बुलाया जाता है। कुछ डॉक्टर ओपीडी भी दे रहे हैं।बिना डॉक्टरों के ये सब सुविधाएं कैसे दी जा सकती है और अगर खुद को मल्टी स्पेशिलिटी एवं ट्रॉमा सेंटर लिखकर प्रचार किया जाता है और डॉक्टरों को आॅन कॉल बुलाने का बंदोबस्त है तो ऐसे में मरीजों की जिंदागी से खिलवाड क्यों किया जा रहा है। ये सवाल ना तो एसआर मेडिसिटी के पास हैं और ना ही स्वास्थ्य विभाग इसका जवाब दे पाया। यही नहीं महिला एवं बाल रोगों का इलाज करने का दावा किया जाता है लेकिन अस्पताल की इमरजेंसी विभाग ने बताया कि एक महिला डॉक्टर आती थी जो अब नहीं आ रहीं हैं। यही नहीं अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट और पैथोलोजिस्ट भी नही है जबकि अस्पताल एक्स रे सुविधा से लेकर पैथोलॉजी लैब चलाने और कैंसर की जांच करने का भी दावा करता है।
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क्या कहते हैं सीएमओ
जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रेम लाल ने बताया कि क्लिीनिकल एसटेबलिशमेंट एक्ट के तहत अस्पतालों का पंजीकरण किया जाता है। कैंसर थेरेपी का इलाज कराने का जो दावा कर रहे हैं ये देखना पडेगा कि किस तरह का इलाज कराया जा रहा है। डॉक्टरों की संख्या को भी देखा जाएगा। ऐसे अस्पतालों का निरीक्षण कर जांच भी की जाएगी।