रतनमणी डोभाल।
विश्व प्रसिद्ध हरकी पैडी के विस्तार और विकास के लिए इंडियन आॅयल काॅरपोरेशन के सीएसआर फंड से मुहैया कराए गए 35 करोड़ की कथित बंदरबांट को लेकर स्थानीय सांसद और केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक का गुस्सा महज एक दिखावा था। ये इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जिन तेवरों के साथ डा. निश्ंाक ने अफसरों से लेकर गंगा सभा के पदाधिकारियों के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की और कार्रवाई करने की बात कही, वो अब होती नहीं दिख रही है। बल्कि पूरे मामले पर लीपापोती हो रही है। आलम ये है कि केंद्रीय मंत्री और तमाम संसाधन होने के बाद भी डा. निशंक ये पता नहीं लगा पाए कि मूल प्रोजेक्ट को किसने बदला और किसके कहने पर 18 करोड़ रूपए रोडीबेलवाला मैदान पर खर्च कर दिए गए। वहीं दूसरी ओर हरिद्वार के जिन दो बडे़ अफसरों की इसमें जवाबदारी थी उन्होंने भी पल्ला झाड दिया। कुल मिलाकर जनता के धन की बरबादी कर दी गई और डा. निशंक ने 35 करोड़ के सवाल पर बस गुस्सा जाहिर कर अपनी जिम्मेदारी निभा दी।
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क्या कर रहे थे डा. निशंक के स्थानीय प्रतिनिधि
डा. निशंक उत्तराखण्ड की राजनीति में बहुत बडा नाम हैं और हरिद्वार में उनके अच्छे खासे समर्थक नेता है जो उन्हें दिल्ली में मंत्रालय के कामों में व्यस्त रहने के कारण हरिद्वार की गतिविधियों के बारे में बताते रहते हैं। यही नहीं अफसरों के काम और विकास की योजनाएं खासतौर पर केंद्र और डा. निशंक के अपने प्रोजेक्ट के बारे में पल-पल की खबर रखते हैं। लेकिन 35 करोड़ के इस भारी भरकम बजट को खर्च करने में इन स्थानीय प्रतिनिधियों से कैसे चूक हो गई, ये बडा सवाल है। या फिर ये चूक जानबूझ कर की गई है। ये भी सोचनीय प्रश्न है।
वहीं दूसरी ओर जब हरकी पैडी के विकास कार्य लगभग पूरे हो होने को थे और रोडीबेलवाला में 18 करोड से घास व अन्य काम लगभग आधे से ज्यादा हो चुके थे तब जाकर डा. निशंक के इन प्रतिनिधियों की नींद टूटी। अब डा. निशंक गुस्सा करते रहे, बैठकों में अफसरों को उनकी ड्यूटी याद दिलाते रहे, तो इससे हासिल होगा। क्या इससे 35 करोड की अनियोजित विकास को वापस नियोजित तरीके से लगाया जा सकता है।
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लोग गुस्से में
वहीं स्थानीय निवासी 35 करोड़ की बंदरबंाट को लेकर गुस्से में हैं। स्थानीय निवासी अरूण सैनी ने बताया कि 35 करोड़ कोई छोटी रकम नहीं होती है। इससे गांव के दूर दराज के इलाकों में स्कूल और अस्पताल की व्यवस्था हो सकती थी। चलो ये भी मान लिया जाए कि 35 करोड़ से हरकी पैडी का विकास किया जाना ठीक है लेकिन बजट को सही तरीके से क्यों नहीं लगाया गया। सांसद डा. निशंक कार्रवाई की बात कर हरे थे, कौन अफसर हैं इसके दोषी, अभी तक क्यों कार्रवाई नहीं हो रही है। विकास कुमार ने कहा कि जनता के टैक्स से अर्जित किए गए धन की बंदरबांट हो रही है और सब चुप है। महज गुस्से से काम नहीं चलेगा, हम जानना चाहते हैं कि अब तक इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं हुई।