विकास कुमार।
हरिद्वार ग्रामीण के कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर मुकदमों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठी कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत के समर्थन में उनके पिता पूर्व सीएम हरीश रावत भी धरने पर बैठ गए हैं। हरीश रावत ने दो टूक कह दिया है कि धरना अब मेरी मौत के साथ खत्म होगा या फिर मुकदमें वापस होंगे। उन्होंने भावुक अपील करते हुए ये भी कहा कि मैं मर गया तो मेरा अंतिम संस्कार मेरे गांव में ही करना। harish rawat sit on dharna with mla anumpa rawat in police station haridwar

हालांकि पुलिस ने उन्हें बहुत समझाने का प्रयास किया लेकिन हरीश रावत टस से मस नहीं हुए। वहीं आला अधिकारी मुकदमें वापस किए जाने के मामले में कोई भी ठोस आश्वासन देते हुए बच रहे हैं। उधर, हरीश रावत के समर्थन में दूसरे कांग्रेस नेता भी धरने पर बैठे हुए हैं।
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क्या है पूरा मामला
पंचायत चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता मुकर्रम अंसारी व दूसरे नेताओं पर पुलिस पर जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। वहीं दूसरे कांग्रेस नेता अुर्जन चौहान पर भी एक मुकदमे की जांच चल रही है। हालांकि मुकर्रम अंसारी व दूसरे नेताओं पर हुए मुकदमों को लेकर अनुपमा रावत धरने पर नहीं आई। लेकिन जब उनके करीबी अर्जुन चौहान के घर पुलिस ने दबिश दी तो अनुपमा रावत गुरुवार को बहादराबाद थाने के बाहर धरने पर बैठ गई।
अनुपमा रावत का आरोप है कि बहादराबाद पुलिस ने फेरुपुर में जाकर बच्चों को धमकाया। हालांकि पुलिस इससे इनकार कर रही है।
बहादराबाद थाना प्रभारी नीतेश शर्मा ने बताया कि मुकदमें की जांच की जा रही है। नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। वहीं आला अधिकारी भी हरीश रावत को कानूनी पेचदीगियां समझाने में नाकाम रहे हैं। फिलहाल हरीश रावत देर रात तक धरने पर बने हुए हैं।