Harish Rawat

हरीश रावत: आरएसएस की इस रणनीति के कारण हारे बिहार चुनाव, औवेसी पर क्या कहा, पढ़िए

रतनमणी डोभाल।
बिहार चुनाव में महागठबंधन खासतौर पर कांग्रेस को मिली करारी हार पर पूर्व सीएम और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने अपना आंकलन करते हुए बताया कि बिहार की हार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा की ध्रवीकरण की राजनीति का नतीजा था। यही नही उन्होंने धुव्रीकरण के साथ—साथ भाजपा और संघ की चुनाव के दौरान सोशल इंजीनियरिंग यानी जातीय समीकरण के संतुलन को बेहतर तरीके से लागू करने से भी भाजपा और उसके सहयोगी दलों को लाभ मिलने का अहम कारण बताया। वहीं उन्होंने ध्रुवीकरण इस सफल प्रयोग के लिए ओवैसी की पार्टी को भी जिम्मेदार बताया। उन्होंने इनकी तुलता वोट कटवा से कर डाली।
फेसबुक पेज पर लाइव के दौरान अपने समर्थकों से बात करते हुए हरीश रावत ने कहा कि बिहार चुनाव में मिली हार पर उनका ये आंकलन निजी और ये पार्टी की राय के तौर पर ना लिया जाए। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव में मिली हार में भी कांग्रेस के लिए कुछ अच्छी बातें सामने आई है। काफी समय बार बिहार में कांग्रेस सत्तर सीटों पर चुनाव लडी और इस दौरान कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं और समर्थक वोटरों से मिलने का मौका मिला जो हमें आने वाले लोकसभा चुनाव में फायदा पहुंचा सकता है।

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राहुल गांधी का बचाव किया
वहीं उन्होंने चुनाव में हार के लिए कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराने वालों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग और चिंतक सीधे तौर पर राहुल गांधी के नेतृत्व को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की चुनाव में कितनी रैलियां होनी चाहिए ये शीर्ष नेतृत्व तय नहीं करता है। बल्कि राहुल गांधी की कम रैलियां करना एक चुनावी रणनीति का हिस्सा था। क्योंकि राजद के तेजस्वी यादव के नेतृत्व को उभारना था और कांग्रेस अगर ज्यादा सक्रियता दिखाती तो इसके दूसरे परिणाम भी हो सकते थे। इसलिए राजद को मौका दिया गया और राजद ने इस मामले में अच्छा प्रदर्शन भी किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जिस तरीके से विपक्ष की आवाज बनकर सरकार पर हल्ला बोल रहे हैं, उससे कांग्रेस की आलोचना करने वाले घबरा रहे हैं और राहुल गांधी पर बेजा हमला कर रहे हैं।

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2024 में लूंगा संन्यास
वहीं राजनीति से संन्यास की बात पर उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि वे अभी संन्यास नहीं लेंगे बल्कि 2024 में लोकसभा चुनाव के बाद ही राजनीति से संन्यास लूंगा। उन्होंने कहा कि मेरा मकसद 2024 में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना है।

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