रतनमणी डोभाल।
पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत ने एक बार फिर हरिद्वार में सक्रियता बढ़ा दी है। उनकी इस सक्रियता को हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट से 2022 विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि उनके करीबी लोगों का कहना है कि अनुमपा रावत हरिद्वार ग्रामीण और लक्सर दोनों सीटों पर अपने लिए भावी संभावनाओं को तलाश रही है। वहीं अनुपमा की सक्रियता से स्थानीय कांग्रेसी नेताओं की सिरदर्दी बढ़ गई है। वहीं भाजपा और बसपा के नेता अनुमपा के आने से फूले नहीं समा रहे हैं।
कांग्रेसी नेता पिछले विधानसभा चुनाव में हरीश रावत की हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट से हार के लिए अनुपमा रावत के गलत चुनावी प्रबंधन को जिम्मेदार मानते हैं, वहीं दूसरी ओर कार्यकर्ताओं के साथ रुखा व्यवहार भी उनको कड़वे अनुभव की याद दिला रहा है। इसी के कारण ग्रामीण इलाकों के कांग्रेसी नेता पसोपेश में हैं कि अब हरीश रावत के कद का मान रख बेटी को सर आंखों पर बिठाया जाए या फिर हरीश रावत को दो टूक कह दिया जाए कि हमसे नहीं हो पाएगा। वहीं, अनुपमा रावत को इस बार स्थानीय लोगों ने भी उतनी गर्मजोशी से साथ नहीं दिया जिनता 2017 में दिया था, बल्कि इस बार लोग उनसे कटते हुए नजर आए। वहीं दूसरी ओर भाजपा और बसपा के नेता उनके आने से खुश हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अनुपमा रावत जितना ज्यादा सक्रिय होंगी, उतना लाभ चुनाव में विपक्षी दलों को मिलेगा।
बसपा नेता और पूर्व में विधानसभा चुनाव लड़ चुके मुकर्रम अंसारी ने बताया कि हरीश रावत आएं चाहें उनकी बेटी अनुपमा रावत हरिद्वार ग्रामीण की जनता पिता—पुत्री की राजनीति को समझ गई हैं। लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव हरीश रावत परिवार को चुनाव के समय ही हरिद्वार की याद आती हैं, बाकी उन्होंने कभी हरिद्वार का भला नही किया, बस वोट ही समझा है।
वहीं स्थानीय कांग्रेस नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि हरीश रावत के चुनाव हराने के पीछे अनुपमा रावत का गलत चुनाव प्रबंधन और कार्यकर्ताओं से बेरुखी बड़ा कारण था। हरीश रावत दो जगह से चुनाव लडने के कारण इतना समय नहीं दे पाए और अनुपमा ने जिस तरह स्थानीय कार्यकर्ताओं को ट्रीट किया, उससे लोग किनारे हो गए और काम करना बंद कर दिया। यहीं कारण है कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब वो दोबारा अनुपमा रावत यहां सक्रिय हो रही हैं, लेकिन इस बार अलग हालात है और लोग शायद उन्हें तरजीह ना दें। बाकी हरीश रावत के साथ अभी भी लोगों का जुड़ाव हैं लेकिन ऐसा ही रहा तो वो भी जाता रहेगा।
वहीं कांग्रेस नेता राजीव चौधरी ने बताया कि अनुपमा रावत भी बड़ी नेता है और वो भी यहां से टिकट के लिए दावेदारी कर सकती हैं, टिकट मांगना सबका अधिकार हैं। मैं भी मांग रहा है और यहां काफी समय से तैयारी भी कर रहा हूं और बाकी नेताओं को भी चुनाव की तैयारी करनी चाहिए।

पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत हरिद्वार में फिर सक्रिय, कांग्रेसी नेता परेशान
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