Mahila congress

हरिद्वार: ब्रह्मलीन संत के शिष्य ने स्थाीनय संत और दो शिष्याओं पर लगाए गंभीर आरोप


कुणाल दरगन।
धर्मनगरी हरिद्वार की प्रमुख अध्यात्मिक संस्था पावन धाम के परमाध्यक्ष स्वामी सहज प्रकाश के ब्रम्हलीन होने के बाद अब नया विवाद आ खड़ा हुआ हैं। संत के शिष्य ने एक स्थानीय संत एवं चर्चित अध्यात्मिक गुरू रामरहीम से जुड़ी रही दो महिला संतों पर गुरु की फर्जी वसीयत तैयार कर ढाई करोड़ की रकम हड़प लेने का आरोप जड़ते हुए एसएसपी से शिकायत की है। शिकायत में संत की मौत को लेकर भी सवाल खड़े किए गए है।
उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र में अध्यात्मिक संस्था पावनधाम के परमाध्यक्ष स्वामी सहज प्रकाश का पंजाब के लुधियाना के एक अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया था। शुक्रवार को संत के शिष्य अनुज ब्रम्हचारी ने एसएसपी सेंथिल अवुदई कृष्णराज एस से मुलाकात कर लिखित में शिकायत दी। युवा संत ने बताया कि सितंबर माह में गुरु की तबीयत खराब होने पर कमल पुरी पुत्र शंकर पुरी निवासी हिलबाईपास मार्ग खड़खड़ी अपने साथ इलाज केि लिए मोंगा पंजाब ले गया था, जहां उनके गुरु का गीता भवन सोसायटी नाम से संस्था है।
आरोप है कि पंजाब के अस्पताल में टेस्ट कराने पर उसके गुरु कोरोना पॉजीटिव पाए गए, जिसके बाद उन्हें 31 दिन तक अस्पताल में रखा गया जबकि कोरोना के मरीज को 21 दिन ही भर्ती रखा जाता है। आरोप है कि उसके बाद उसके गुरु को मोंगा पंजाब के आश्रम में लाया गया, तब तक उन्हें दिखाई देना बंद हो गया था। आरोप है कि कमलपुरी ने गुरु की देखरेख के लिए रामरहीम की शिष्याएं रही तृप्ता एवं पप्पी रानी को जिम्मेदारी दे दी।
यही नहीं गुरु से मुला​कात पर भी पाबंदी लगा दी। आरोप है कि गुरु ने लक्सर मार्ग पर एक भूमि ढाई करोड़ में बेची थी, जिस रकम को हड़पने की साजिश कमलपुरी कर रहा था। आरोप है कि 12 नवंबर को कमलपुरी, तृप्ता एवं पप्पी बिना बताए गुरू सहज प्रकाश को अपोलो अस्पताल लुधिया ले गए, जहां उनकी मौत हो गई। आरोप है कि महिलाओं ने उन्हें जानकारी दी कि गुरू जी ने उनके नाम वसीयत की है जबकि बेसुधवस्था में पहुंच चुके गुरू भला कैसे वसीयत कर सकते थे। आरोप है कि फर्जी वसीयत तैयार कर ढाई करोड़ की रकम भी हड़प ली है। युवा संत ने पूरे मामले में मुकदमा दर्ज कर निष्पक्ष जांच की मांग की है। एसएसपी ने पूरे मामले की जांच कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह को सौंपी है।

Share News