हरिद्वार: हिमाचल से फरार युवती को दारोगा का संरक्षण, खुली पोल तो हुई कार्रवाई

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विकास कुमार।
हरिद्वार में घटी एक वारदात ने हरिद्वार पुलिस की छवि पूरी तरह से दागदार कर दी है। शहर में तैनात एक दारोगा की हिम्मत देखिए की उसने पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से फरार हुई एक युवती को छह माह तक अपने संरक्षण में छिपाए रखा, वो तो हिमाचल प्रदेश ने जब दारोगा पर शिकंजा कसने के लिए आस्तीनें चढ़ाई तब दारोगा ने युवती को उनके समक्ष पेश कर दिया।
इस पूरे घटनाक्रम को आला अफसर भी दबाने में जुटे हुए है, महज दारोगा को लाइन हाजिर कर उसके इस कुकर्म पर पर्दा डाल दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि अपराधी जैसी मानसिकता वाले दारोगा को आखिर क्यों बचाया जा रहा है और उसका खैरख्वाह आखिर कौन है। यदि यही अपराधी किसी आमजन ने किया होता तब हरिद्वार पुलिस बकायदा हिमाचल प्रदेश पुलिस के साथ ज्वाइंट आॅपरेशन कर वाहावाही लूटने से पीछे नहीं हटती।उत्तराखंड पुलिस की बेहतर छवि होने के डीजीपी अशोक कुमार के दावे की भी हवा निकल रही है।

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क्या है पूरा मामला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल के एक जिले से कई करोड़ का गबन कर फरार हुई युवती की तलाश में हिमाचल प्रदेश पुलिस कई माह से जुटी हुई थी। हिमाचल प्रदेश पुलिस को दो दिन पूर्व लीड मिली की युवती हरिद्वार में छिपी है। इलेक्ट्रोनिक्स सर्विलांस की मदद से सामने आया कि युवती के संपर्क हरिद्वार पुलिस का एक दारोगा भी है। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने जब यहां पहुंचकर दारोगा से युवती के बारे में जानकारी चाही, वह मुकर गया। पर, जब हिमाचल प्रदेश पुलिस ने दारोगा पर शिकंजा कसा, तब वह टूट गया। चंद मिनटों में ही दारोगा ने युवती को हिमाचल पुलिस को सौंप दिया। इस कारनामे की भनक जब आला अफसरान को लगी तब वह भी भौचक्के रह गए। पड़ताल में सामने आया कि दारोगा की युवती से फेसबुक पर दोस्ती हुई थी, वह छह माह से दारोगा के संरक्षण में ही रह रही है। युवती का परिचय वह अपनी मंगेतर के तौर पर दे रहा था। पुलिसवाले युवती की खातिरदारी में जुटे रहते थे और दारोगा जी अलग अलग होटलों में युवती को ठहराते थे। बड़ा सवाल यह है कि आखिर दारोगा ने युवती को क्यों संरक्षण दिया। करोड़ों की रकम आखिर कहां गई, क्या दारोगा ने भी गबन की गई रकम डकारी है। ऐसे तमाम सवाल आ खड़े हुए है। मंझे हुए अपराधी जैसी सोच रखने वाले दारोगा पर अफसर क्यों मेहरबान बने हुए है, यह भी साफ होना चाहिए। एक आमजन ने इस तरह का कृत्य किया होता, तब पुलिस के तेवर देखने वाले होते।

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