विकास कुमार/अतीक साबरी/फरमान खान।
हरिद्वार जिला पंचायत के चुनाव बडे उलटफेर वाले रहे। हरिद्वार में जहां भाजपा ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 14 जिला पंचायत सदस्यों के साथ सबसे बडी पार्टी बनी, लेकिन लक्सर से पूर्व विधायक संजय गुप्ता के भाई भाजपा लहर और दिग्गजों के प्रचार के बावजूद भी नहीं जीत पाए। लेकिन विजय गुप्ता की हार का क्या कारण रहा, वो क्यों हारे इस बारे में हमने वरिष्ठ पत्रकारों से बात की और जानना चाहा।
संजय गुप्ता के भाई विजय कुमार के प्रचार के लिए सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्य सभा सांसद कल्पना सैनी, मंत्री धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा और भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने प्रचार किया। लेकिन ये भी विजय कुमार की नैया पार नहीं लगा पाए। यही नहीं संजय गुप्ता के भाई के प्रचार में संगठन के बडे नेताओं के अलावा पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, प्रणव सिंह चैंपियन और खुद संजय गुप्ता मैदान में डटे रहे लेकिन उन्हें निरंजनपुर सीट पर कांग्रेस के संजय सैनी ने करीब पंद्रह सौ वोटों से हरा दिया। वो भी तब जबकि संजय सैनी के सामने उनके ही सैनी समाज के दो मजबूत उम्मीदवार थे और दोनों ने अच्छा चुनाव लडा।

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हार के बारे में क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार
वरिष्ठ राजीव नामदेव बताते हैं कि सांसदों और मंत्रियों के प्रचार के बावजूद भी विजय गुप्ता का हारना बेहद गंभीर मामला है। असल में विजय गुप्ता को चुनाव में अपने भाई संजय गुप्ता के विरोध का सामना करना पडा। चूंकि विधानसभा चुनाव में भी संजय गुप्ता का विरोध स्थानीय जनता में था ऐसे में पंचायत चुनाव में भी यही हुआ। हालांकि विजय गुप्ता की छवि क्षेत्र में अच्छी है अगर वो संजय गुप्ता को चुनाव में कम सक्रिय करते तो शायद परिणाम कुछ और हो सकता था।
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल ने बताया कि भाजपा पंचायत चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करके जीती है। लेकिन जहां हार मिली है भाजपा को वहां का आंकलन भी करना चाहिए। संजय गुप्ता के भाई वाली निरंजनपुर सीट की बात करें तो वहां ये माना गया कि चुनाव संजय गुप्ता ही लड रहे हैं। चूंकि चुनाव हारने के बाद संजय गुप्ता लक्सर से ज्यादा हरिद्वार शहर में सक्रिय रहे और यहां अपनी जमीन तैयार करने में व्यस्त रहे। ऐसे में उनका विरोध और ज्यादा बढ गया। हालांकि संजय गुप्ता हरिद्वार में सक्रिय हैं और यहां से चुनाव लडने की भी उनकी संभावना है लेकिन भारी भरकम लोगों के प्रचार के बाद भी उनके भाई का हारना उनकी शहर से दावेदारी पर असर जरुर डालेगा।
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