K.D.
हरिद्वार पुलिस ने मोरा तारा ज्वेलर्स डकैती को अंजाम देने वाले उत्तर भारत के सबसे बड़े हीरो सतीश चौधरी गैंग को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। सतीश चौधरी गैंग को 8 राज्यों की पुलिस तलाश रही थी। लेकिन हरिद्वार पुलिस ने वारदात के 4 दिनों के अंदर ही सतीश चौधरी के लगभग 8 सदस्यों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की। पुलिस ने करीब 80 लाख के जेवरात भी बरामद करने का दावा किया है। वही माल को ठिकाने लगाने वाला बुलन्दशहर का जैवेलर्स जैकी का नाम भी सामने आया है जो फरार बताया जा रहा है।
ज्वालापुर कोतवाली में प्रेस वार्ता करते हुए एसएससी सेंथिल अवूदाई कृष्णा राज ने बताया कि मोरा तारा ज्वेलर्स डकैती की वारदात को बहुत ही पेशेवर अंदाज में किया गया था। यह गैंग एक कंपनी की तरह काम करता है और जिसमें रैकी से लेकर डकैती डालने और माल को ठिकाने लगाने तक के लिए अलग टीम बनी हुई है। उन्होंने बताया कि गैंग का सरगना सतीश चौधरी पुत्र महेंद्र सिंह निवासी गांव सदरपुर थाना सलेमपुर जिला बुलंदशहर उत्तर प्रदेश के ताऊ गैंग का डिप्टी है। ताऊ फिलहाल बुलंदशहर जेल में बंद है इसलिए सतीश चौधरी पूरे गिरोह को चलाता है ।
सतीश चौधरी वारदात से पहले गैंग के दूसरे सदस्य अमित उर्फ फौजी पुत्र किरण पाल निवासी यारपुर थाना भवन जिला शामली उत्तर प्रदेश के जरिए नए सदस्यों की भर्ती करता है। इसके बाद वारदात को अंजाम दिया जाता है उन्होंने बताया कि हरिद्वार की वारदात को अंजाम देने के लिए डेढ़ साल पहले रहकर की गई थी तब किन्ही कारण से वारदात को अंजाम देना सफल नहीं हो पाया था।
हालांकि चौधरी को कोलकाता में डकैती डालनी थी लेकिन लॉकडाउन के कारण बंगाल में डकैती डालना सफल नहीं हो पाया। इसके बाद एक बार फिर चौधरी हरिद्वार के मोरा तारा और रिलायंस ज्वेलर्स में डकैती की प्लानिंग की। चूंकि डेढ़ साल पहले इन दोनों ही जगह चौधरी गैंग ने डकैती का रोडमैप तैयार किया हुआ था।
उन्होंने बताया कि मोरा तारा ज्वेलर्स में वारदात को अंजाम देने के लिए चौधरी के साथ संजय उर्फ राजू पुत्र तेजवीर निवासी ग्राम बौसी थाना शिकारपुर जिला बुलंदशहर नितिन मलिक सुरेंद्र सिंह निवासी कुरमाली शामली विकास हिमांशु निवासी रोहिणी दिल्ली हरिद्वार में पहले जिला पंचायत के गेस्ट हाउस में आए और उसके बाद अलग-अलग रास्तों से मोरा कॉलेज वाले पहुंचे जहां उन्होंने पहले 2 साथी अंदर भेजें। जिन्होंने सामान देखने के बहाने सारा सामान निकलवाया और उसके बाद इशारा करके अन्य साथी अंदर आ गए और तुरंत ही वारदात को अंजाम देने के बाद अलग-अलग रास्तों से फरार हो गए। बताया कि माल को ठिकाने लगाने के लिए हर की पैड़ी क्षेत्र में अलग-अलग रास्तों से दोबारा जिला पंचायत सदस्य पहुंचे। जहां इन्होंने वहां उन्होंने रात बिताई और युवा निकल गए। पुलिस ने 80 लाख के जेवरात बरामद करने का दावा किया है।