Fake Drug Racket in Haridwar
रतनमणी डोभाल। Fake Drug Racket in Haridwar
बंद पडी फैक्ट्री में बिना लाइसेंस गैर कानूनी तरीके से दवा निर्माण करते हुए तीन लोगों को ड्रग विभाग ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। कंपनी के 2022 में दवा सैंपल फेल हो गए थे, जिसके बाद कंपनी का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। लेकिन पिछले एक साल से कंपनी चोरी चुपके दवाईयां बना रही थी। ड्रग विभाग अब इस खेल के पीछे के दूसरे खिलाडियों की तह तक जाने में जुट गया है। Fake Drug Racket in Haridwar
लाइफ सेविंग ड्रग बना रही थी कंपनी
हरिद्वार की ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि मै. गोल्डन लाईफ सांइसेंस सिडकुल में बिना लाइसेंस दवाईयां बना रही थी। इस कंपनी के 2022 में सैंपल भरे गए थे जो फेल आए थे जिसके बाद कंपनी का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। निरीक्षण के दौरान कंपनी के गेट पर ताले मिले लेकिन अंदर से कुछ गतिविधियों का पता लगा।
हमारी टीम जब दीवार फांद कर अंदर पहुंची तो अंदर दवाओं का निर्माण किया जा रहा था। मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें राम कुमार पुत्र महिपाल सिंह निवासी अकबरपुर कालसो हरिद्वार, राहुल पुत्र नरेश निवासी ढंडेरा हरिद्वज्ञर, राजेश कुमार पुत्र गणेश कुमार निवासी बिहार शामिल हैं।
अनीता भारती ने बताया कि ये पहला मौका है जब उत्तराखण्ड में ड्रग विभाग ने रेड कर गिरफ्तारी की है। उन्होंने बताया कि कंपनी एंटी बॉयोटिक, पेन किलर और ब्लड प्रेशर आदि की दवाईयां बना रही थी। फिलहाल आगे जांच की जा रही है।
हरिद्वार में बडे पैमाने पर बन रही नकली दवाईयां
गौरतलब है कि हरिद्वार के भगवानपुर और रुडकी में बडे पैमाने पर नकली दवाईयों का निर्माण किया जा रहा है। हरिद्वार पुलिस, एसटीएफ कई बार यहां कार्रवाई कर चुकी है। कुछ दिन पहले ही देहरादून पुलिस ने भगवानपुर में रेड कर नामी कंपनी के नाम से दवाईयों का निर्माण कर रहे एक गिरोह को गिरफ्तार किया था। जिन्होंने दवाईयां निर्माण कर करोडों रुपए बनाए थे।

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