Congress mayor of haridwar anita sharma

आरोप: 123 करोड़ के मामले में अपने ही मेयर के खिलाफ कांग्रेसियों ने खोला मोर्चा, जांच की मांग


रतनमणी डोभाल।
हरिद्वार नगर निगम में मेयर कांग्रेस की है और बोर्ड में बहुमत भाजपा का है। कूडा कचरे से लेकर नाला—नाली आदि—आदि तक मेयर और भाजपा के पार्षदों में जूतम—पैजार रहता है। लेकिन, कोरोना लाकडाउन के बीच आनन—फानन में बोर्ड बैठक में कांग्रेस की मेयर और भाजपा के पार्षदों ने मिलकर ऐसा खेल खेल दिया, जिसके बाद से हरिद्वार में बवाल मचा हुआ है। ये पूरा मामला जुडा है उषा ब्रेको उडन खटोले जो मंसा देवी मंदिर पर चलता है की लीज बढाए जाने को लेकर। हालांकि भाजपा के पार्षदों पर प्रस्ताव को पास करने को लेकर कोई सवाल खडा नहीं कर रहा है लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने अपनी ही पार्टी की मेयर को आडे हाथों लेते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की है। इस संबंध में नगर निगम के पूर्व पार्षद और कांग्रेसी नेता उपेंद्र कुमार ने सोनिया गांधी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह तक तमाम बडे नेताओं को चिट्ठी लिख मामले की जांच की मांग की है।

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क्या है मामला
उषा ब्रेकों को नगर निगम ने सालों पहले अपनी जमीन लीज पर दी थी जिस पर उडन खटोला चला रहा है जो श्रद्धालुओं को मंसा देवी मंदिर के दर्शन कराता है। समय—समय पर इसकी लीज बढाई जाती रही है। हाल ही में बार फिर इसकी लीज खत्म हुई तो नगर निगम की मेयर अनीता शर्मा और उनके पति अशोक शर्मा व निगम बोर्ड के कांग्रेस—भाजपा पार्षदों ने मिलकर प्रस्ताव पास किया और लीज को तीस सालों के लिए फिर से बढा दिया। इसके लिए साढे तीन करोड रुपए तय हुआ जो पहले पचास लाख रुपए था। इसके अलावा कुछ अन्य शर्ते भी रखी गई।

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क्यों लग रहे हैं आरोप
वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी बताते हैं कि उषा ब्रेकों पर निगम ने 123 करोड रुपए का बकाया निकाला, जिसे वसूलने में निगम सबूत नहीं दे पाया। हालांकि अभी भी निगम ये दावा करता है। ये पैसा 1992 से है। इस बीच लीज खत्म हुई लेकिन निगम ने जमीन को कब्जे में लेने के बजाए उसकी लीज पुराना बकाये लिए बिना ही बढा दी। यही नहीं नई सिरे से टेंडर होता तो निगम को फायदा होता। लेकिन, कांग्रेस और भाजपा ने मिलकर यहां खेल कर दिया। इसी को लेकर शहर में हायतौबा मची है। हालांकि भाजपा की ओर से अपने पार्षदों पर ज्यादा कोई नहीं बोल रहा है लेकिन कांग्रेस के नेता जिनमें सतपाल ब्रह्मचारी, प्रदीप चौधरी आदि है वो खुलकर मेयर के खिलाफ खडे हो गए हैं।

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मेयर की जांच की मांग क्यों कर रहे हैं कांग्रेसी नेता
कांग्रेस नेता उपेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले कई सालों से कांग्रेस हरिद्वार में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही है और इसी का नतीजा है कि शहरी विकास मंत्री रहे मदन कौशिक का इलाका होने के बावजूद नगर निगम चुनाव में भाजपा को यहां हार का सामना करना पडा और कांग्रेस की अनीता शर्मा जीती। लेकिन उषा ब्रेकों पर लिए गए उनके फैसले से कांग्रेस की भ्रष्टाचार और शोषण के खिलाफ हरिद्वार में लडाई कमजोर पडती नजर आ रही है। इसलिए इस मामले की जांच की जानी बेहद जरुरी है।

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