हरिद्वार को बनाया था हरियाणा के नकल गिरोह ने अपना बेस, ऐसे कराते थे नकल

कुणाल दरगन। उत्तर प्रदेश एसटीएफ टीम ने हरिद्वार के कनखल से जिस शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है उसने हरिद्वार में पंद्रह दिन पहले अपना बेस तैयार किया था। असल में कनखल के एसएम पब्लिक स्कूल में दिल्ली पुलिस सिपाही की भर्ती परीक्षा इसी सेंटर में ली जा रही है और इसी स्कूल के पास नकल गिरोह ने अपना बेस बनाया था ताकि नकल कराने में कोई तकनीकी दिक्कत ना आ आएं। ——— मुख्य आरोपी था परीक्षा कराने वाली कंपनी के प्रबंधन का सदस्य गिरोह में शामिल मास्टरमाइंड अंकुर परीक्षा कराने वाले टीसीएस कंपनी का सदस्य था और इसका प्रबंधन का हिस्सा बनने के बाद उसने हरिद्वार के एसएम पब्लिक स्कूल को टारगेट किया था। अंकुर परीक्षा सेंटर के अंदर रहता था और व्हट्सएप पर पेपर की कॉपी पास ही कमरे में बैठी अपनी टीम को भेज देता था। इसके बाद वो टीम ब्लूटूथ के जरिए परीक्षा दे रहे युवकों को नकल कराते थे। आपको बता दें कि कंपनी परीक्षा कराने का ठेका लिया करती है। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने परीक्षा केंद्र समेत अन्य व्यवस्थाओं के लिए इसी कंपनी को ठेका दिया हुआ है। परीक्षा केंद्र में भी अंकुर की अच्छी पैठ थी। कई बार अंकुर ने व्हाट्सएप के माध्यम से पेपर को आउट कराया था। एक अभ्यर्थी से पेपर बताने के नाम पर 20 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये लिए जाते थे। इस गैंग में कई और सदस्य भी भी जुड़े होने की बात समाने आ रही है। जिनकी मेरठ पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है। ———— बीस से दो लाख रुपए में कराते थे परीक्षा पास वही पुलिस की जांच में ये सामने आया है कि परीक्षा में नकल कराने के लिए गिरोह परीक्षा देने वाले की हैसियत के हिसाब से रेट तय करता था। बीस हजार रूपए से लेकर दो लाख रुपए तक नकल कराने के लेता था। पुलिस के मुताबिक अब तक कई परीक्षा​र्थियों को नकल करा चुके थे। ——— गिरफ्तार युवती ने खोली गिरोह की पोल कुछ दिन पहले कनखल पुलिस ने हरियाणा की एक युवती को नकल करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसी से पूछताछ के आधार पर मेरठ पुलिस को लीड मिली और पुलिस आरेापियों तक पहुंची। हालांकि पुलिस कई दिन से आरोपियों की टोह ले रही थी। लेकिन सोमवार को परीक्षा के दौरान सभी आरोपी कमरे में मौजूद थे और इसके बाद ही पुलिस ने रेड कर आरोपियों को गिरफ्तार कर दिया।

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