BSP Uttarakhand state president

हरिद्वार में बसपा किन पांच सीटों पर बड़ा उलटफेर करने की रेस में है, किसे करेंगे समर्थन

विकास कुमार/करण खुराना।
उत्तराखण्ड में बसपा एक बार फिर खाता खुलने की उम्मीद बढ गई है। हरिद्वार की 11 सीटों में से बसपा पांच सीटों पर मजबूत स्थिति में हैं, माना जा रहा है कि इनमें से कम से कम तीन सीटें बसपा निकालने जा रही है। वहीं बाकी दो सीटों पर कांटे की टक्कर है। वहीं बसपा का खाता खुला और सरकार बनाने में इनकी जरुरत पडी तो ये किसे समर्थन करेंगे। ये भी बडा सवाल है। वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी बताते हैं कि बसपा अगर सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका में रहती है तो भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही विकल्प खुले रहेंगे। ये शर्तिया नहीं कहा जा सकता है कि बसपा के विधायक कांग्रेस का ही साथ देंगे, ये भाजपा को भी शर्तों के साथ समर्थन कर सकते हैं।

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किन सीटों पर बसपा ने किया बेहतर प्रदर्शन
हालांकि शुरु में बसपा को बहुत हल्के में लिया जा रहा था। लेकिन कांग्रेस के टिकट वितरण ने बसपा को एक दम से फाइट में ला दिया। खासतौर पर हरिद्वार जनपद की लक्सर और खानपुर विधानसभा सीट पर। हरिद्वार की 11 सीटों में से बसपा का हाथी लक्सर, खानपुर, मंगलौर, झबरेडा और भगवानपुर में खूब दौडा है। हाथी की रफ्तार की जद में मंगलौर सीट से काजी निजामुद्दीन जैसे दिग्गज नेता के भी लपेटे में आने की प्रबल संभावना जताई जा रही है।

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क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल बताते हैं कि लक्सर में हाजी तसलीम के आजाद समाज पार्टी से मैदान में आने के बाद बसपा के मौहम्मद शहजाद के लिए वाटरलू का मैदान माना जा रहा था। लेकिन, आखिरी वक्त में शहजाद मुस्लिम वोटों को साधने में कामयाब रहे और भाजपा में हुई भीतरघात का फायदा शहजाद को मिलने की संभावना बढ गई है। वहीं दूसरी ओर खानपुर में उमेश कुमार ने देवयानी का गणित खराब किया है। यहां बसपा के रविंद्र पनियाला भी मजबूत स्थिति में हैं। जबकि, सबसे बडा उलटफेर मंगलौर सीट पर हो सकता है। मंगलौर में काजी निजामुद्दीन जैसे दिग्गज नेता हाथी को संभालने में पसीने बहाते नजर आए। यहां बसपा के हाजी सरवत करीम अंसारी ने बहुत अच्छा चुनाव लडा है और काजी की एंटी इंकमबेंसी को भुनाने का काम किया। इसके अलावा झबरेडा में आदित्य ब्रिजवाल और भगवानपुर में सुबोध राकेश बसपा से मुख्य मुकाबले में हैं। इन पांचों सीटों पर बसपा मजबूती से लडी है और किसी पर भी अपना खाता खोल सकती है या फिर सभी को भी जीत सकती है।

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क्या हाजी युनूस ने बिगाडा है अनुपमा का गणित
वहीं हरिद्वार ग्रामीण सीट पर हाजी युनूस ने दलित और मुस्लिम वोटों में धुव्रीकरण का प्रयास किया। लेकिन इसमें बहुत ज्यादा कामयाब नजर नहीं आए। वहीं इस सीट पर अनुपमा और स्वामी यतीश्वरानंद दोनों के ही मजबूती से चुनाव लडने के कारण यहां कांटे का मुकाबला है और अगर बसपा पर दलित—मुस्लिमों का जरा भी धुव्रीकरण हुआ होगा तो अनुपमा रावत का गणित खराब होने की संभावना है।

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