धंधा है मंदा: बीएचईएल ने सीआईएसएफ के सुरक्षाकर्मी घटाए, और भी मदों में कटौती की योजना

विकास कुमार।
महारत्न कंपनी बीएचईएल के बुरे दिन जारी है। पहले से ही कंपनी के पास काम का टोटा था और कोरोना काल में तो नए आर्डर और भी कम हो गए। वहीं आमदनी अठ्ठनी और खर्चा दो रुपया वाली हालत होने के बाद अब बीएचईएल प्रबंधन ने खर्चों में कटौती करने का फैसला किया है। इसी क्रम में बीएचईएल ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों की संख्या को कम कर दिया है। पहले चरण में करीब साठ सुरक्षाकर्मी कम किए गए हैं और अब कंपनी और जवानों को कम करने की योजना बना रही है। इनकी जगह अब होमगार्ड से काम चलाया जा रहा है जो काफी सस्ते और किफायती पडते हैं।

भेल के श्रमिक नेता राजबीर सिंह चौहान ने बताया कि कंपनी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और केंद्र सरकार की गलत योजनाओं के कारण काम भी कम हो रहा है। इस कारण कंपनी ने अपने खर्चों में कटौती की है। इसी के चलते सीएआईएसएफ के जवानों की संख्या कम की गई है। अब करीब साढे तीन सौ सुरक्षाकर्मी ही रखे गए हैं जो मुख्य गेट और प्लांट के अंदर की सुरक्षा में लगे हैं। जबकि बैरियर व प्लांट के बाहर वाले कम संवेदनशील इलाकों में होमगार्ड को तैनात किया गया है। कंपनी अब और सुरक्षाकर्मियों को कम करने का प्लान कर रही है। यही नहीं खर्चों को देखते हुए और भी कई मदों में कटौती की योजना है। चूंकि श्रमिकों की तनख्वाह कम नहीं की जा सकती है। इसलिए अन्य मदों में कटौती का प्लान है। इसमें मेडिकल सुविधा में भी कुछ कमी की जा सकती है। लेकिन हमारी सब पर नजर है और मजदूरों के हितों के साथ बिल्कुल भी समझौता नहीं किया जाएगा।

वहीं भेल के श्रमिक नेता राम कुमार ने बताया कि ये सही है कि भेल के पास फिलहाल कम काम हैं और अभी अगले दो सालों तक प्रोजेक्ट हैं लेकिन कोरोना के कारण काफी नुकसान उठाना पडा है। जबकि खर्चे जस के तस हैं। ये भी हो सकता है कि सरकार जल्द बीएचईएल का भी विनिवेश करे। श्रमिकों को मिलने वाली सुविधाओं में पहले ही कटौती की जा रही है।

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