BHEL Haridwar News निजी क्षेत्र की कंपनियों से आर्डर लेने में पिछड़ रही बीएचईएल की कंगाली का दौर खत्म हो गया है। पिछले दिनों बीएचईएल के निजी हाथों में सौंपे जाने की चर्चाओं पर फिलहाल विराम लग गया है। बीएचईएल की मानें तो फिलहाल उसके पास करीब दो लाख करोड़ के आर्डर हैं। सूत्रों की मानें तो जल्द ही बीएचईएल इन आर्डर को पूरा करने के लिए भर्ती भी निकालेगा।
बीएचईएल हरिद्वार की थी हालत खस्ता
पिछले दिनों बीएचईएल हरिद्वार इकाई की हालत खस्ता हो चली थी। यहां नॉन प्लानिंग बजट खर्च करने पर रोक लगा दी थी। बीएचईएल ने अपने कई स्कूल बंद कर दिए थे और नई भर्ती भी नहीं आ रही थी। आलम ये था कि बीएचईएल ने अपनी संपत्तियों को किराए पर चढाना शुरु कर दिया था। इसी क्रम में हरिद्वार के सेक्टर वन स्कूल को निजी हाथों में दे दिया गया। श्रमिकों और स्थानीय लोगों में डर था कि अब बीएचईएल के बुरे दिन शुरु हो गए हैं। लेकिन हाल ही के वर्षों में बीएचईएल केा अच्छे आर्डर मिले हैं जिससे इसकी हालत सुधरी हैं।
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क्या बोला बीएचईएल प्रबंधन
ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में भारत की अग्रणी इंजीनियरिंग और विनिर्माण उद्यम, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 27,350 करोड़ रुपये (अनंतिम और अलेखापरीक्षित) का राजस्व प्राप्त किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 19% की मजबूत वृद्धि दर्शाता है। कंपनी ने वर्ष के दौरान 92,534 करोड़ रुपये के ऑर्डर प्राप्त किए जो कि कंपनी द्वारा किसी वित्तीय वर्ष में हासिल किया गया अब तक का सर्वाधिक ऑर्डर है। इसके साथ, वित्त वर्ष 2024-25 के अंत में बीएचईएल की कुल ऑर्डर बुक 1,95,922 करोड़ रुपये हो गई है।
श्रमिकों में खुशी की लहर
वहीं श्रमिक नेता राजबीर सिंह ने कहा कि पहले हमें भी बीएचईएल के भविष्य पर खतरा नजर आ रहा था। लेकिन अब बीएचईएल ने अपने खर्चों में कटौती की है और नए आर्डर भी मिले हैं। इससे बीएचईएल को 2030 तक आर्डर मिल गए हैं। फिलहाल बीएचईएल का भविष्य सुरक्षित नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही बीएचईएल की भर्ती निकलने की उम्मीद है। इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।