भयंकर घाटे में बीएचईएल: श्रमिकों से हड़ताल वापस लेने की गुजारिश, यूनियनों ने लिया ये निर्णय

कुणाल दरगन।
पिछले कई वित्तीय वर्ष से घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी बीएचईएल की हरिद्वार इकाई के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी ने श्रमिक यूनियनों से 26 नवंबर को होने वाली व्यापक हड़ताल को वापस लिए जाने की गुजारिश की है। संजय गुलाटी ने कंपनी के घाटे का वाला देते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2019—20 में भी कंपनी को घाटा हुआ था और इस वित्तीय वर्ष की शुरूआती दो तिमाही में भी बहुत ज्यादा नुकसान हो चुका है। ऐसे में हडताल से कार्य पूरा नहीं हो पाएगा और कंपनी को घाटा उठाना पडेगा। इससे कंपनी के टर्नओवर और साख पर भी असर पडेगा। वहीं श्रमिक यूनियनों ने हड़ताल वापस लिए जाने से साफ इनकार कर दिया है। हालांकि इस संबंध में सोमवार को हडताल में शमिल सभी श्रमिक यूनियनों की बैठक बुलाई जाएगी और अंतिम निर्णय लिया जाएगा। संभावना है कि हड़ताल को सांकेतिक तौर पर अमल में लाया जा सकता है।
गौरतलब है कि पिछले वित्तीय वर्ष में बीएचईएल को करीब 1600 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था जबकि इस वित्तीय वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में अभी तक करीब 1400 करोड़ का घाटा हो चुका है। वहीं दूसरी ओर कोरोना के कारण काम नहीं मिल पा रहा है और जो काम मिला है उसके वर्क आर्डर पूरा करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार हो रहे घाटे और कंपनी के खर्चों को देखते हुए प्रबंधन ने कई तरह के भत्तों में भी कटौती की है।
उधर, श्रमिक यूनियनों ने प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया और 26 नवंबर को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। इस फैसले से होने वाले असर को देखते हुए ही हरिद्वार यूनिट के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी ने श्रमिक यूनियनों से हड़ताल वापस लिए जाने की गुजारिश की है।

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क्या कहते हैं श्रमिक नेता
श्रमिक नेता राजबीर सिंह ने बताया कि हड़ताल वापस लिए जाने के संबंध में प्रबंधन से बातचीत हुई है। लेकिन हड़ताल केा अभी वापस नहीं जिया जा सकता है। इस संबंध में सोमवार को सभी यूनियन प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई जाएगी और उसके बाद ही कोई फैसला लिया जा सकता है।

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