विकास कुमार।
ऐलोपैथी को लेकर बाबा रामदेव के दिए गए विवादित बयान के बाद देश भर के डॉक्टरों ने बयान पर कडी आपत्ति जताई थी, जिसके बाद बाबा रामदेव अपने बयान से पलट गए हैं और कहा कि उनकीं मंशा ऐसी नहीं थी, वो सिर्फ एक व्हट्सएप मैसेज पढ रहे थे। वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा है।
बाबा रामदेव ने पतंजलि योगपीठ में योग साधकों के बीच मंच को साझा करते एक व्हट्सएप मैसेज पढते हुए कहा था कि इनकी सभी दवाईयां फेल हो गई। बुखार की कोई दवा काम नहीं करती है। आप बाडी का तापमान नीचे उतार देते हैं लेकिन वो क्यों आ रहा है इसका निवारण इनके पास नहीं है। उन्होंने साफ कहा था कि लाखों कोरोना मरीजों की मौत ऐलोपैथी दवा खाने से हुई है। जितने लोगों की मौत आक्सीजन ना मिलने के कारण हुई है, उससे ज्यादा मौत आक्सीजन मिलने के बाद, दवा मिलने के बाद हुई है, स्टायरायड लेने के कारण हुई है।
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बाबा ने मारी पलटी और अब क्या बयान आया
वहीं चौतरफा घिरे बाबा रामदेव की इस बयान को लेकर काफी आलोचना हो रही है और अब बाबा रामदेव के इस बयान पर आचार्य बालकृष्ण की ओर से सफाई पेश की गई है। इस बयान में कहा गया है कि बाबा रामदेव सिर्फ एक व्हट्सएप मैसेज पढ रहे थे। उनकी कोई गलत मंशा मार्डन साइंस और अच्छे डॉक्टरों के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव विश्वास करते हैं कि मार्डन सांइस एक प्रोग्रेसिव साइंस है और एलोपैथी, आयुर्वेद और योगा के संयुक्त प्रयास से इस कठिन समय में हर किसी को फायदा मिलेगा।