रतनमणी डोभाल।
हरिद्वार में बाबा रामदेव के स्कूल आचार्यकुलम में एलकेजी, पहली और छठवी कक्षा में बढने वाले चार बच्चों को घर ले जाने की अनुमति प्रदान करने के बदले आचार्यकुलम प्रबंधन ने प्रति बच्चा पचास हजार रुपए जमा करने की शर्त परिजनों पर थोप दी। ये आरोप परिजनों ने अपनी लिखित शिकायत में मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार को की है। हालांकि छत्तीसगढ के गरियाबंद जनपद के रहने वाले इन बच्चों के परिजनों ने इससे पहले गरियाबंद जनपद के जिलाधिकारी और एसएसपी से भी शिकायत की थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वहां के जिलाधिकारी ने हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर से बात की और इसके बाद पूरा महकमा हरकत में आया और मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज के हस्तक्षेप के बाद बच्चों को परिजनों के सुुपुर्द करा दिया।

::::::::::::::::::::::
क्या बोले मुख्य शिक्षा अधिकारी
मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज ने बताया कि इस मामले में परिजनों की ओर से शिकायत मिली थी। वो बच्चों को अपने साथ ले जाना चाहते थे और 26 मई को उन्होंने इस संबंध में आचार्यकुलम प्रबंधन से बात भी की थी। लेकिन परिजनों के आरोप कुछ ओर बताए जा रहे थे लेकिन हमने शिकायत पर जब आचार्यकुलम प्रबंधन से बात की तो उन्होंने बताया कि वो बच्चों को देने के लिए राजी है लेकिन चूंकि परिजनों के पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं थी इसके कारण मना किया गया था। बाद में परिजनों ने जब आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाई तो उन्हें बच्चों के सुपुर्द करा दिया गया। लेकिन गरियाबंद के प्रशानिक अधिकारी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो बच्चों को बंधक बनाने की शिकायत का जिक्र कर रहे हैं और हरिद्वार जिला प्रशासन से बात करने के बाद बच्चों को मुक्त कराने की बात कह रहे हैं। वहीं इस संबंध में आचार्यकुलम प्रबंधन की ओर से कोई बयान नहीं आया है और ना ही बाबा रामदेव की ओर से इसमें कुछ कहा गया है। हालांकि आचार्यकुलम से बच्चे आजाद कराने के मामले में छत्तीसगढ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर जानकारी जरुर दी है।