चंद्रशेखर जोशी/विकास कुमार।
ज्वालापुर के कडच्छ से चोरी हुए आठ माह के बच्चे की चोरी ओर किसी ने नहीं बल्कि पडोस में रहने वाली किरण पुत्री सुरेंद्र कुमार ने किया था। चोरी करने के लिए किरण को रुबी पत्नी अमित निवासी सीतापुर जो लोधामंडी की आशा कार्यकर्ता है और आशा पत्नी मनोज निवासी कडच्छ जो आंगनबाडी कार्यकर्ता कडच्छ है ने कहा था। बच्चे को चोरी कर संजय पुत्र अशोक शर्मा निवाीस श्यामपुर कांगडी को ढाई लाख रुपए में देना तय हुआ था। पचास हजार रुपए लेकर इन्होंने बच्चा संजय को भी दे दिया था, लेकिन संजय सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी होने की खबर सामने आने के बाद डर गया और उसने बच्चे को वापस कर दिया। जिसके बाद पत्रकार को फोन कर बच्चे को वापस किया गया लेकिन सभी आरोप पुलिस के हत्थे चढ गए।
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बच्चा चोरी हुआ था सीसीटीवी में क्या नहीं आया
आठ माह के शशांक को शनिवार सुबह किरण ने तब चोरी किया जब उसकी मां घर की छत पर कपडे फैलाने गई थी। किरण ने बच्चा चोरी करने के बाद अपनी रिश्तेदार सुषमा पत्नी विरेंद्र निवासी मोहल्ला कडच्छ को दिया जिसे किरण ने अपने घर बुला रखा था। सुषमा बच्चे को शॉल में लपेटकर पुलजटवाडा पहुंची जहां किरण की मुंहबोली मां अनीता पत्नी सोमप्रकाश निवासी मोहल्ला कडच्छ से मिली और दोनों ने रुबी व आशा को बच्चा चोरी होने की सूचना देकर ग्राहक को बुलाने के लिए बोला। सुषमा बच्चा चोरी करके ले गई लेकिन पुलिस की नजर से इसलिए बच गई क्योंकि सुषमा के घर में भी एक छोटा बच्चा था पूछने पर सुषमा ने अपने बच्चे को ले जाने की बात कही थी। हालांकि पुलिस उस पर शक कर रही थी। लेकिन इस बीच ज्वालापुर पुलिस की बिज्जू वाली थ्यौरी पर काम शुरु हो गया।
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कौन है संजय और बच्चे को कहां रखा गया
बच्चा चोरी होने के बाद रुबी, आशा संजय के साथ बडेढी राजपूतान में एक पेट्रोल पंप के पास मिले जहां बच्चे को सजंय को दिया और पचास हजार रुपए सुषमा को दे दिए। संजय पहले मेडिकल फील्ड में काम करता था जहां उसकी मुलाकात रुबी से हुई थी। संजय अब अपर रोड पर कपडे की दुकान चलाता है। बाकी के दो लाख रुपए रुबी और आशा को बाद में देने के लिए संजय ने वायदा किया था। बच्चे को लेकर संजय हरिपुरकलां स्थित एक गेस्टहाउस में ले गया लेकिन जब बच्चा चोरी होने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो अगले दिन बच्चे को रुबी और आशा को वापस कर दिया गया। इसके बाद इन महिलाओं ने एक पत्रकार नरेश तोमर को सूचना दी और बच्चे को सौंपने के लिए कहा। लेकिन नरेश तोमर ने बच्चे की सूचना एसएसपी से भी साझा की और पुलिस ने तुरंत नरेश तोमर की मदद से बच्चे को बरामद कर लिया।