Ankita Bhandari murder case in uttarkhand bjp leader son arrested

ना कोई जनाधार लेकिन ‘स्पेशल सर्विस’ के जरिए मंत्री बनता रहा आर्य परिवार, गहरी हैं जडे़

विकास कुमार।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के परिवार की भाजपा और संघ में गहरी पैठ ऐसे ही नहीं बनी, बल्कि इसके लिए आर्य परिवार ने काफी कुछ दांव पर लगाया। हालांकि आज भी भाजपा के कई कार्यकर्ता और नेता इस पहेली की गुत्थी नहीं सुलझा पा रहे हैं कि आखिर बिना जनाधार वाले विनोद आर्य और उनके बेटे अंकित आर्य भाजपा सरकार में मलाईदार पदों को पाने में कैसे कामयाब होते रहे। लेकिन अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद अब बहुत कुछ साफ होता जा रहा है।
माना जा रहा है कि अंकिता भंडारी पर वीआईपी मेहमानों को वनंतरा रिजार्ट में जिस स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव डाला जा रहा था, उसी स्पेशल सर्विस के जरिए आर्य परिवार ने संघ और भाजपा में अपनी गहरी पैठ बनाई। हरिद्वार के कई स्थानीय कार्यकर्ताओं का ये भी मानना है कि जनपद के संघ कार्यालय के बगल में विनोद आर्य का निवास होने का फायदा भी विनोद आर्य और उनके बेटे अंकित आर्य व पुलकित आर्य को मिलता रहा।


स्वदेशी फार्मेसी चलाने वाले विनोद आर्य मूलरूप से इमलीखेडा गांव हरिद्वार के बताए जाते हैं। लेकिन संघ और भाजपा से नजदीकियों के बाद विनोद आर्य ने बहुत तेजी से तरक्की की और अपना वजूद भी बनाया। संघ के पदाधिकारियों से नजदीकी के कारण ही विनोद आर्य भाजपा सरकार में राज्यमंत्री बनते रहे। हालांकि, विनोद आर्य को कोई अपना जनाधार नहीं है और ना ही इनको लेकर जनता में केाई उत्साह कभी देखा गया। हां, पार्टी स्तर पर और संघ से जुडे कई संघटनों को ये आर्थिक सहायता जरुर पहुंचाते रहे।
जिसका असर ये हुआ कि पहले विनोद आर्य और बाद में अंकित आर्य लालबत्ती की ओर बढते रहे। हालांकि इसको लेकर जमीन से जुडे कार्यकर्ता सवाल भी उठाते रहे कि आखिर उन्हें उनकी मेहनत का मोल कब मिलेगा। लेकिन जब बात स्पेशल सर्विस की हो तो सारी मेहनत पीछे रह जाती है।
वरिष्ठ पत्रकार कुणाल दरगन बताते हैं कि विनोद आर्य का कभी कोई जनाधार नहीं रहा। हां इतना जरुर है कि भाजपा और संघ के कार्यक्रमों में विनोद आर्य और अंकित आर्य की उपस्थित जरुर रहती थी। यही कारण है कि उनको सरकार में जगह मिलती रही। संघ और सत्ता में अपनी हनक का फायदा आर्य परिवार ने अपने बिजनेस को बढाने में भी खूब उठाया। जिसका एक उदाहरण वनंतरा रिजार्ट भी है। जहां तक पुलकित आर्य की बात करें तो पुलकित आर्य को कभी विनोद आर्य और उनके भाई अंकित आर्य ने नहीं रोका, जबकि हरिद्वार जानता है कि पुलकित आर्य शुरु से हनकबाज रहा है।

खबरों को व्हाट्सएप पर पाने के लिए हमारे ग्रुप से जुड़े क्लिक करें

Share News
error: Content is protected !!