रतनमणी डोभाल।
निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की उपेक्षा से नाराज ज्वालापुर के लोगों ने उपनगर ज्वालापुर विकास मंच का गठन करने का ऐलान किया है। इस मंच में सभी राजनीतिक दलों, धर्मों, जातियों और ज्वालापुर में रहने वाले जिम्मेदार लोगों को जोड़ा जाएगा। इसकी जल्द ही एक बैठक होने वाली है, इसके बाद आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। वहीं ज्वालापुर विकास मंच के संयोजक पत्रकार अविक्षित रमन ने बताया कि ज्वालापुर के साथ पिछले कई सालों से सौतेला व्यवहार होता आ रहा है। जबकि ये हरिद्वार का सबसे पुराना रिहायशी कस्बा है। उन्होंने कहा कि जिस भी जनप्रतिनिधि को चुना गया उसने ही ज्वालापुर की जनता को ठगा है। प्रशासन का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि ज्वालापुर आज मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है और ये उपनगरी हरिद्वार जनपद में सबसे ज्यादा पिछड गई है।
ज्वालापुर रानीपुर विधानसभा का हिस्सा है और यहां से भाजपा विधायक आदेश चौहान दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। लेकिन ज्वालापुर की समस्याएं और ज्यादा गहराती जा रही है। वहीं हाल ही में नगर निगम चुनाव में मेयर अनीता शर्मा को ज्वालापुर के लोगों ने जीताकर भेजा, लेकिन उन्होंने भी ज्वालापुर की ओर देखना बंद कर दिया। उनके पति अशोक शर्मा विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगे हैं और ज्वालापुर उसका हिस्सा ना होने के कारण ज्वालापुर की अनदेखी की जा रही है।
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विकास मंच ने ये की मांग
ज्वालापुर विकास मंच के संयोजक अविक्षित रमन ने बताया कि ज्वालापुर में जलभराव की समस्या है क्योंकि नालों का निर्माण काफी समय से नहीं हुआ है। वहीं ज्वालापुर में साफ—सफाई की व्यवस्था बहुत खराब है। ज्वालापुर में सडकों की हालत बुरी है। जो बनती है उनकी गुणवत्ता इतनी खराब होती है कि बनने के साथ ही उखडने लगती है। उन्होंने विधायक निधि, सांसद निधि और अन्य निधियों से बनी सडकों की जांच की मांग भी की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर ज्वालापुर में कुछ नहीं है। अस्पताल में डॉक्टरों का अभाव है और सीएचसी में मशीनें नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्वालापुर का विकास यहां के लोगों के हाथों में ही दिया जाना चाहिए। इसलिए यहां अगल ज्वालापुर नगर पालिका बननी चाहिए और परिसीमन कर ज्वालापुर, भेल और अन्य इलाकों को जोड़कर अलग विधानसभा बनाई जानी चाहिए।
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भाजपा नेता उज्जवल पंडित ने उठाई आवाज
वहीं ज्वालापुर के विकास के लिए भाजपा नेता उज्जवल पंडित ने भी आवाज उठाई है। उन्होंने टूटी सडकों, दूषित पानी और जलभराव से हो रही समस्याओं को जल्द समाधान कराने की बात कही है। यही नहीं वो बदहाल सड़कों का अधिकारियों को मौके पर बुलाकर निरीक्षण भी करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसमें कोई दो राय नहीं कि पिछले कुछ सालों से ज्वालापुर की जबरदस्त उपेक्षा की गई है। यहां के जनप्रतिनिधियों से ये अपेक्षा थी कि ज्वालापुर का विकास किया जाएगा, लेकिन कहीं ना कहीं यहां के की जनता को मायूसी हाथ लगी है। लेकिन सरकार इस ओर ध्यान दे रही है और जल्द ही कुछ अच्छे फैसले ज्वालापुर के हित में देखने को मिलेंगे।