कुणाल दरगन।
हरिद्वार में तैनात एक दारोगा ने पटाखा कांड कर दिया। हालांकि हर साल पुलिस के कई होनहार पटाखा कांड यानी जबरदस्ती पटाखे की दुकानों से पटाखें उठाने की वारदातों को अंजाम देते हैं, लेकिन इस बार किसी ने एक दारोगाजी की शिकायत आला अफसरों से कर दी। शिकायत भी ऐसी कि आला अफसर का जलाल सातवें आसमान पर देख दारोगा जी आनन—फानन में कार में भरे पटाखों की खेप बेचारे दुकानदारों को वापस करने पहुंच गए। पहले तो दुकानदार सहम गए, उन्हें लगा कि दारोगा जी फिर से पटाखे लेने या कहें जबरन उठाने आ गए, लेकिन जब दारोगा साहब को कार से पटाखे वापस करते देखा तो सबके होशफाख्ता हो गए। वहीं पूरा मामला दिन भर चर्चा का विषय बना रहा और हरिद्वार पुलिस के दूसरे होनहार ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।
सूत्रों की मानें तो शहर क्षेत्र की एक कोतवाली में तैनात दारोगा जी पर अहम जिम्मेदारी है। कुछ दिन पहले ही आए दारोगा जी ने अपना पूरा भौंकाल टाइट किया हुआ था, पटाखा कारोबारियों पर उनका गुस्सा कहर बनकर टूट रहा था। लेकिन, आखिरी के दिन जब दारोगाजी का पटाखा कांड वाला रूप देखा तो पटाखा बेचने वाले लोग हक्के—बक्के रहे गए। दारोगाजी भी उन पुलिसवालों की तरह ही निकले जो पटाखों वालों से पटाखा टैक्स के नाम पर दीवाली मनाने के लिए पटाखे जबरन ले जाते हैं।
बताते हैं कि अचानक कार लेकर पहुंचे दरोगा जी ने पटाखे की दुकान से महंगे पटाखे अपने कार में भरना शुरू कर दिए । अगर किसी ने मोबाइल फोन से दरोगा जी की रिकॉर्डिंग भी करनी चाहिए तो गुस्साए दरोगा ने उसे डपट दिया । जब पूरे बाजार से दरोगा जी ने पटाखों की लूट कर दी तो जाहिर है मामला उछलना ही था। किसी जागरूक आदमी ने पुलिस के एक आला अफसर के संज्ञान में पूरे मामले को पहुँचाया। फिर उसके बाद अफसर ने दरोगा की जमकर क्लास ली। कुछ ही घंटों में दरोगा जी दौड़ते हुए वापस लौटे और अपनी कार से पटाखे सब पटाखा कारोबारियों को वापस कर दिए। दिनभर हरिद्वार पुलिस में दरोगा जी की कारनामे की चर्चा होती रही।

दारोगा जी का पटाखा कांड: पहले दुकानों से पटाखे जबरन उठाए, फटकार लगी तो वापस करते घूमे

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