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देवभूमि उत्तराखण्ड से मन, कर्म, सत्व और तत्व का नाता हैः प्रधानमंत्री


ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में 35 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में पीएम केयर्स के तहत स्थापित 35 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किये। इससे देश के सभी जिलों में अब पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र चालू हो गए हैं।
प्रधानमंत्री ने नवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि ‘आज से नवरात्रि का पावन पर्व भी शुरू हो रहा है। प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। मां शैलपुत्री, हिमालय पुत्री हैं। और आज के दिन मेरा यहां होना, यहां आकर इस मिट्टी को प्रणाम करना, हिमालय की इस धरती को प्रणाम करना, इससे बड़ा जीवन में कौन सा धन्य भाव हो सकता है।’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देव भूमि उत्तराखण्ड ऋषियों की तपस्थली रही है। योग नगरी के रूप में ये विश्व को आकर्षित करती रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि उनके लिए महत्वपूर्ण है, इस भूमि से उनका मन और कर्म का नाता है तो सत्व और तत्व का भी। उत्तराखण्ड आकर उन्हें नई ऊर्जा मिलती है। उत्तराखण्ड की दिव्यधरा ने मुझ जैसे ना जानें कितने लोगों की जीवन धारा को मोड़ने में मदद की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के ही दिन 20 वर्ष पहले उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर जनता की सेवा का नया दायित्व मिला था। उन्होंने विशेष तौर पर ये बात कही कि इस यात्रा की शुरुआत उत्तराखण्ड राज्य के गठन के साथ हुई थी क्योंकि उत्तराखण्ड गठन के कुछ माह बाद गुजरात के मुख्यमंत्री का पदभार उन्होंने सम्भाला था। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर इस धरा को प्रणाम करना मेरे लिए सौभाग्य का क्षण है। प्रधानमंत्री ने राज्य को ओलम्पिक और पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी।


प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि जिस धरती से योग और आयुर्वेद जैसी जीवनदायिनी शक्तियों को बल मिला, उसी धरती से आज आक्सीजन के प्लांट समर्पित किए जा रहे हैं। कहा कि कोरोना से लड़ाई में इतने कम समय में भारत ने जो सुविधाएं तैयार की हैं, वे हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है। पहले सिर्फ 1 टेस्टिंग लैब थी अब करीब 3 हजार टेस्टिंग लैबों का नेटवर्क है। मास्क और किट्स के आयातक से निर्यातक बनने का सफर किया। देश के दूर दराज वाले इलाकों में भी वेंटिलेटर्स की सुविधाएं बढ़ी हैं। मेक इन इण्डिया में कोराना वैक्सीन का तेजी से और बड़ी मात्रा में निर्माण किया गया। दुनिया का सबसे बड़ा और तेज टीकाकरण अभियान भारत में चल रहा है। भारत ने जो कर दिखाया वह हमारी संकल्पशक्ति, हमारे सेवाभाव, हमारी एकजुटता का प्रतीक है। भारत ने मेडिकल आक्सीजन के उत्पादन में 10 गुना से अधिक वृद्धि की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएंगे। भारत ने कोविड वैक्सीन प्लेटफार्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन कैसे किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा और ऊर्जावान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में बहुत तेजी से कोविड टीकाकरण हो रहा है। राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट से उत्तराखंड बहुत जल्द 100 प्रतिशत पहली डोज पूरी करने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सरकार इस बात का इंतजार नहीं करती कि नागरिक उसके पास अपनी समस्याएं लेकर आएंगे तब कोई कदम उठाएंगे। सरकारी माइंडसेट और सिस्टम से इस भ्रांति को बाहर निकाल रहे हैं। अब सरकार नागरिक के पास जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों में ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कालेज जरूर हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के निर्माण का सपना अटल जी ने पूरा किया था। अटल जी मानते थे कि कनेक्टिविटी का सीधा कनेक्शन विकास से है। उन्हीं की प्रेरणा से देश में कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अभूतपूर्व स्पीड और स्केल पर काम हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2019 में जलजीवन मिशन शुरू होने से पहले उत्तराखण्ड के सिर्फ 1 लाख 30 हजार घरों में ही नल से जल पहुंचता था। आज उत्तराखण्ड के 7 लाख 10 हजार से ज्यादा घरों में नल से जल पहुंचने लगा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गम्भीरता से काम कर रही है। ये हमारी सरकार ही है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाईयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। उत्तराखण्ड की देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका रही है। यहां के नौजवान, भारतीय सुरक्षा बलों की आन बान व शान हैं। केदारनाथ धाम में सुविधा बढ़ाई जा रही है, चारधाम परियोजना देश दुनिया के श्रद्धालुओं को आसान बनाने के साथ ही कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखंड को आगे बढ़ाने का ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का आधार है। यहां कनेक्टिविटी के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। चारधाम ऑलवेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, उड़ान में हवाई सेवाएं आदि से उत्तराखण्ड की जनता को काफी लाभ मिलने वाला है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड गठन के 25 साल में होगा । यही समय है सही समय है। यहाँ के लोगों के सपनों को नई बुलंदी देने वाला है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री का देवभूमि उत्तराखण्ड की सवा करोड़ जनता की ओर से देवभूमि आगमन पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की पिछले 20 वर्षों की यात्रा महान संकल्पों का उदाहरण है। प्रधानमंत्री जी ने अपने जीवन का प्रत्येक क्षण मां भारती की सेवा में लगा दिया, जो हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। आज प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों की सुरक्षा एवं सेवा के लिये राष्ट्रव्यापी जीवन रक्षक ऑक्सीजन प्लाण्टों को समर्पित किया है।
आज से लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व जब कोरोना महामारी का प्रारंभ हुआ था तब से आज तक प्रधानमंत्री जी ने एक नेता एवं प्रशासक की भांति ही नहीं बल्कि हमारे अभिभावक की भांति हमारा हाथ थामा और मुश्किल की घड़ी में पूरे देश को हौंसला दिया। पूरा विश्व इस बात का साक्षी है कि जिस देश को लेकर विशेषज्ञ तरह-तरह की आशंका जता रहे थे उस देश ने न सिर्फ कोरोना का डटकर सामना किया बल्कि वैक्सीन बनाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई। सैनिकों के प्रति प्रधानमंत्री जी का सम्मान जग जाहिर है। हमने देखा है कि एक मुख्यमंत्री के रूप में और अब एक प्रधानमंत्री के रूप में वे हर बार दिवाली और होली सैनिकों के साथ मनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के बच्चे बच्चे की जुबां पर आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ भारत, स्किल इण्डिया, फिट इण्डिया, मेक इन इण्डिया जैसे नारे रहते हैं। ये सिर्फ नारे नहीं है बल्कि आज, ये देश के हर नागरिक, हर युवा के मन में बस चुके आंदोलन का रूप ले चुके हैं। कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों को रोजगार और दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया है। जहां एक ओर आयुष्मान भारत योजना ने देश के हर व्यक्ति को यह भरोसा दिलाया है कि बीमारी के समय पर उन्हें उपचार अवश्य मिलेगा वहीं दूसरी ओर उज्जवला योजना ने करोड़ों गरीब माताओं-बहनों की आंख के आंसू पोछे हैं। सैंकड़ों वर्षों से अपने निर्माण की बांट जोह रहे श्रीराम मंदिर के पुर्ननिर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। कश्मीर से धारा 370 का खात्मा हो सका और कश्मीर का भारत में पूर्ण एकीकरण हो सका। चाहे औद्योगिक विकास हो, शैक्षिक विकास हो, सामाजिक विकास हो या आध्यात्मिक विकास हो, प्रधानमंत्री जी की सोच व्यापक रही है। यह नमामि गंगे, स्वच्छता अभियान, नई शिक्षा नीति, इन्द्रधनुष योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड जैसी अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं से परिलक्षित होता है।

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उत्तराखण्ड के लिये चारधाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट तथा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन की महत्वपूर्ण सौगात दी है। प्रधानमंत्री जी के निर्देशन में केदारपुरी में जहां प्रथम चरण के 225 करोड़ के कार्य पूर्ण हो चुके हैं वहीं 184 करोड़ के कार्य द्वितीय चरण में गतिमान है। इसके साथ ही बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए जहां 245 करोड़ रूपये से अधिक स्वीकृत हो चुके हैं। वहीं गंगोत्री व यमनोत्री के लिए क्रमशः 20 करोड़ और 34 करोड़ रूपये स्वीकृत हो चुके हैं। जहां एक ओर चार दशकों से लंबित तराई- भाबर की लाइफ लाइन जमरानी बहुद्देशीय परियोजना की स्वीकृति दी है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में 27 हेलीपोर्ट विकसित करने के साथ-साथ उड़ान योजना व सीमांत पर्वतीय क्षेत्रों को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने की योजनाओं द्वारा उत्तराखंड के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। टिहरी लेक डेवलेपमेण्ट हेतु 1200 करोड़ रूपये की स्वीकृति हो या समेकित सहकारी विकास योजनाओं के लिये 3340 करोड़ रूपये की स्वीकृति हो, प्रधानमंत्री जी ने हमेशा उत्तराखंड की दिल खोलकर सहायता की है।

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