ब्यूरो। ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में डॉक्टरी पढ़ रहे 18 छात्रों की पहचान मुन्ना भाई के तौर पर हुई है। ये सभी छात्र 2013 बैच के हैं और इनके दस्तावेज संदिग्ध पाए गए हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इनके खिलाफ केस दर्ज कराने के निर्देश दे दिए हैं। इससे पहले दस अन्य छात्र भी इसी मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। अब तक कुछ मुन्ना भाईयों की संख्या 28 पहुंच गई है।
सात अगस्त को राज्य में उत्तराखड आयुष प्री मेडिकल टेस्ट आयोजित किया था। परीक्षा के दौरान नौ मुन्ना भाईयों को देहरादून में गिरफ्तार किया गया था। इनमें तीन एमबीबीएस के छात्र भी थे, जो फर्जी परीक्षार्थी बनकर परीक्षा दे रहे थे। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि ये गैंग राज्य में पिछले कई सालों से सक्रिय है। इसके आधार पर उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की थी। ये जांच टीम पिछले कई दिनों से जांच कर रही है। जांच के लिए 2013 से 2015 तक के छात्रों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए थे। पहले दो दिन कुल दस मुन्ना भाई पकड़ में आए। इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें से तीन 2014 बैच के थे, जबकि सात 2015 बैच के थे। वहीं बुधवार को चेकिंग के दौरान 18 छात्र अनुपस्थित रहे। इन अनुपस्थित छात्रों को पहले ही उपस्थित रहने के लिए सूचना दे दी गई थी। इन छात्रों की जांच की गई तो इनके दस्तावेज संदिग्ध पाए गए। इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से कॉलेज के प्रचार्य ने 18 छात्रों के खिलाफ थाने में तहरीर दे दी है। अब तक 28 मुन्ना भाई ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में सामने आ चुके हैं। अभी भी कई मुन्ना भाईयों के सामने आने की उम्मीद है।
हम सभी छात्रों की जांच कर रहे हैं। इनमें से कई संदिग्ध मिले हैं। दस छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि 18 के खिलाफ केस दर्ज कराया जा रहा है। ये सभी छात्र जांच के दौरान नहीं आए और अनुपस्थित रहे थे, जबकि इन्हें पहले ही सूचना दे दी गई थी।
डॉ. एएन पांडेय, कॉलेज प्राचार्य
गुरुकुल आयुर्वेदिक विद्यालय की भी होगी जांच
इसी रह गुरुकुल आयुर्वेदिक विद्यालय के छात्रों की भी जांच की जा जाएगा। कॉलेज प्राचार्य ने बताया कि इसी तरह गुरुकुल के छात्रों की भी जांच की जा रही है।
