प्रणव सिंह चैंपियन को बड़ी राहत, हत्या के प्रयास की धारा गैर इरादतन में बदली, क्या है दोनों में अंतर, क्या बोले वरिष्ठ अधिवक्ता

प्रणव सिंह चैंपियन को बड़ी राहत, हत्या के प्रयास की धारा गैर इरादतन में बदली, क्या है दोनों में अंतर, क्या बोले वरिष्ठ अधिवक्ता

प्रणव सिंह चैंपियन को पुलिस की जांच में बड़ी राहत मिली है। वहीं कोर्ट ने भी पुलिस की चार्जशीट को स्वीकार कर लिया है, जिसमें चैंपियन पर लगी हत्या के प्रयास की धारा 109 को अब धारा 110 में बदल दिया गया है। धारा 110 गैर इरादतन हत्या के प्रयास पर लगती है, कुल मिलाकर इसमें हत्या का आशय नहीं होता है। अब जल्द ही चैंपियन की ओर से जमानत अर्जी सेशन कोर्ट में दाखिल की जाएगी।

पुलिस ने क्या तर्क दिया
सीजेएम कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता एसपी गौतम ने बताया कि जांच के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की, इसमें 109 को हटाकर धारा 110 किया गया है। चूंकि घटना में कोई घायल नहीं हुआ है और हत्या के प्रयास का आशय नहीं था और फायरिंग के दूसरे कारक भी रहे हैं। इसलिए पुलिस ने इन पर प्रकाश डालते हुए जांच की जिसके बाद धारा 109 को हटा दिया गया है। सिर्फ 110 के अलावा अन्य धाराओं में चार्जशीट भेजी गई है जिसका कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है।

प्रणव सिंह चैंपियन को बड़ी राहत, हत्या के प्रयास की धारा गैर इरादतन में बदली, क्या है दोनों में अंतर, क्या बोले वरिष्ठ अधिवक्ता
प्रणव सिंह चैंपियन को बड़ी राहत, हत्या के प्रयास की धारा गैर इरादतन में बदली, क्या है दोनों में अंतर, क्या बोले वरिष्ठ अधिवक्ता

क्या बोले उमेश कुमार पक्ष के वकील
धारा 109 हटाने की चार्जशीट पर उमेश कुमार पक्ष के वकीलों ने विरोध किया। वरिष्ठ अधिवक्ता उत्तम सिंह चौहान ने बताया कि हमने इसका विरोध किया था, क्योंकि फायरिंग सीधे की गई थी और हत्या के प्रयास का आशय था। लेकिन कोर्ट ने पुलिस की चार्जशीट को स्वीकार कर लिया। हालांकि दोनों धाराओं में मामूली अंतर है। धारा 109 में 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा है। जबकि 110 में गैर इरादतन हत्या के प्रयास को उल्लेख किया गया है। इसमें तीन से सात साल की सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि अभी 109 के बारे में कोर्ट में अपना पक्ष रखने का काम करेंगे।

प्रणव सिंह चैंपियन

क्या बोले चैंपियन के वकील
वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश सिंह ने बताया कि पुलिस की चार्जशीट को कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। इसमें 109 को हटा दिया गया है। चूंकि इस मामले में हत्या के प्रयास का आशय नहीं था इसलिए पुलिस ने 109 को हटाया जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया।

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