Mazar in Haridwar मजार हटाई, मंदिर भी हटाया,कांग्रेस विधायकों और मेयर से नाराज अल्पसंख्यक, क्या बोले

Mazar in Haridwar remove from road side in Arya Nagar road in Haridwar protest one temple also removed from highway flyover

रतनमणी डोभाल। Mazar in Haridwar
आर्य नगर स्थित मजार को अतिक्रमण मानते हुए जिला प्रशासन ने हटा दिया। हालांकि इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा और अल्पसंख्यक समाज के कुछ लोगों ने विरोध भी जताया। लेकिन, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में नाराजगी कांग्रेस विधायकों और स्थानीय मेयर व नेताओं के प्रति ज्यादा दिखा। लोगों का आरोप है कि उनके वोट से जीत कर विधायक और मेयर बनने वाले नेताओं ने प्रशासन के सामने उनका पक्ष रखने में हिचकिचाहट दिखाई। वहीं भाजपा से जुडे नेता भी प्रशासन की कार्रवाई से गुस्सा दिखे, हालांकि सरकार के खिलाफ बोलने से बचते नजर आए। वहीं हाईवे पर फ्लाई ओवर के नीचे बना मंदिर भी हटा दिया गया। Mazar in Haridwar

Mazar in Haridwar remove from road side in Arya Nagar

नहीं बोल सकते तो किस बात के विधायक—मेयर Mazar in Haridwar
स्थानीय लोगों का मानना है कि मजार काफी पुराना है। हालांकि प्रशासन ने साफ कहा कि चूंकि सरकारी भूमि पर मजार था इसलिए हटाना पडा। वहीं दूसरी ओर अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिला भी था बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हुई। स्थानीय निवासी अतहर अंसारी ने बताया कि बीच का रास्ता निकाला जा सकता था लेकिन जल्दबाजी में कार्रवाई पूर्ण रूप से गलत है। Mazar in Haridwar

वहीं उन्होंने कांग्रेस के पांच विधायकों, स्थानीय नेताओं और हरिद्वार नगर निगम की मेयर पर भी सवाल खडे किए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के वोटों से जीतने वाले ये विधायक और मेयर उनका प्रशासन के सामने पक्ष रखने से भी डरते हैं। मजार वक्फ संपत्ति थी और डीएम ने शुक्रवार को बीच का रास्ता निकालने का आश्वासन भी दिया था। Mazar in Haridwar

one temple also removed from highway flyover


वहीं स्थानीय निवासी डा.मेहरबान अली ने बताया कि कांग्रेस के पांच विधायक जीते और इनकी जीत में मुसिलम वोटरों की भूमिका सबसे ज्यादा थी। लेकिन अगर ये मुस्लिम समाज की बात रखने से डरते हैं या कतराते हैं तो ऐसे विधायकों का क्या काम। उन्होंने हरिद्वार मेयर पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई हो ही रही है तो निष्पक्ष तरीके से सब पर हो।

मु​सलमानों के भाजपा नेताओं ने सिला मुंह
वहीं मजार हटाए जाने के मामले में भाजपा के मुसिलम चेहरों पर भी सवाल खडे किए जा रहे हैं। पिछले कुछ समय में मुसिलम समाज से बडी संख्या में लोग भाजपा से जुड रहे हैं। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स से लेकर सथानीय भाजपा नेताओं पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सवाल खडे कर रहे हैं।

वहीं ऐसे लोगों पर भी सवाल उठ रहे हैं जो मजार और दरगाहों के संरक्षण को लेकर बडी बातें करते हुए संगठन चला रहे हैं। अतहर अंसारी ने बताया कि शादाब शम्स को अपना पक्ष साफ करना चाहिए। साथ ही स्थानीय स्तर के उन ठेकेदारों को बताना चाहिए जो भाजपा से जुडे हैं और मजारों को लेकर संगठन चला रहे हैं।

मजार के साथ मंदिर भी हटाया
वहीं प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई का दावा कर रहा है। प्रशासन का कहना है कि सरकारी भूमि या सडक पर बनाया गए धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की जा रही है। मजार के साथ एक मंदिर को भी हटाया गया है। आगे भी कमेटी के अनुसार निर्णय लिए जाते रहेंगे।

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